केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों को फिर खोलने का फैसला, जानें कब खुलेंगे स्कूल?
सरकार केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय को खोलने का फैसला कर चुकी है। इन स्कूलों को 2 नवंबर से फिर खोल दिया जाएगा। देश में कुल 1250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, इनमें लगभग 15 लाख छात्र पढ़ते हैं।
नई दिल्ली: सरकार केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय को खोलने का फैसला कर चुकी है। इन स्कूलों को 2 नवंबर से फिर खोल दिया जाएगा। देश में कुल 1250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय हैं, इनमें लगभग 15 लाख छात्र पढ़ते हैं। इस संबंध में कई दिशानिर्देश का पालन किया जाएगा। अभी स्कूलों में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के छात्र ही जा पाएंगे। केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को क्रमिक तरीके से पुन: खोलने की मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय विद्यालय ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनलॉक 4 के दिशा-निर्देशों के अनुसार पहले 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया था लेकिन बच्चों के माता पिता के बच्चों को स्कूल भेजने से मना करने के बाद अपना फैसला वापस ले लिया था।
स्कूलों के लिए एसओपी: सफाई, सुरक्षा, डिस्टेंसिंग का रखना होगा ध्यान
एसओपी में छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की बात कही गई है। कक्षा, लैबोरेट्री और खेल-कूल से जुड़े इलाकों में सभी को हमेशा मास्क पहनना पड़ेगा। बार-बार हाथ धोने और सांस संबंधी शिष्टाचार का पालन करने को भी कहा गया है। एसओपी के मुताबिक बिना परिजनों की लिखित अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं जा सकेंगे। अनलॉक 5 की गाइडलाइन के मुताबिक एसओपी में भी अटेंडेंस में लचीलेपन की बात को शामिल किया गया है। अगर छात्र चाहें तो वो स्कूल जाने के बजाए अनलाइन क्लास का विकल्प चुन सकते हैं।
मिडडे मील तैयार करने और इसे परोसने को लेकर भी एसओपी में सावधानियां बरतने की जुड़ी बातें कही गई हैं। इसके दूसरे हिस्से में पढ़ाई से मिली सीख के परिणामों पर जोर देते हुए पढ़ने-पढ़ाने और मूल्याकंन पर गौर किया गया है। स्कूलों ने एनसीईआरटी के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर का पालन करने को कहा गया है। मूल्याकंन के दौरान पेन, पेपर टेस्ट की जगह सीख आधारित मूल्याकंन के लिए अलग-अलग फॉर्मेट अपनाने पर जोर दिया है।
स्कूल खुलने के 2 से तीन हफ्ते बाद तक तुरंत किसी तरह के मूल्याकंन की अनुमति नहीं होगी। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने को भी कहा गया है। मनोदर्पण से उल्लेख करते हुए एसओपी में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गाइडलाइन भी दी गई है।
उत्तर प्रदेश में सात महीने बाद खुले स्कूल
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मार्च में घोषित लॉकडाउन के वक्त बंद किए गए प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद सहित सभी बोर्ड के स्कूल करीब सात महीने बाद सोमवार को खुल गए। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद सहित सभी बोर्ड के कक्षा-9 से 12 तक के विद्यालयों में आज से पठन-पाठन का काम शुरू हो गया। प्रदेश भर में आज दो पालियों में भौतिक दूरी सहित सहित कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए कक्षाएं संचालित की गयीं।
उन्होंने बताया कि विद्यालयों में सैनेटाइजर, हैण्डवाश, थर्मल स्कैनिंग एवं विद्यालय में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था, परिसर की साफ-सफाई एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की बारीकी से पड़ताल की गयी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जिलों से प्राप्त सूचना के आधार पर कक्षा-9 से 12 तक के कुल 28,474 माध्यमिक विद्यालों में कुल 1,02,89,154 छात्रों के सापेक्ष 34,68,933 छात्रों के अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति जाहिर की है, जो कुल छात्रों का 33.71 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि आज पूरे प्रदेश में शासन तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर सभी 75 जिलों में भेजा गया था। इसके अलावा हर जिले में जिलाधिकारियों द्वारा भी अपने जिले में टीम बनाकर विद्यालयों का निरीक्षण कराया गया।