जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ किया करार
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और लैटिन अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ 10 नए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और लैटिन अमेरिका के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ 10 नए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। तेजी से हो रही वैश्वीकरण की दुनिया में बहुप्रतीक्षित अंतर्राष्ट्रीयकरण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के साथ और अंतर्राष्ट्रीयकरण के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सीखने के अवसरों के बारे में जागरूकता के निर्माण के लिए ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल 7 देशों के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ ने 10 नए अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
ये देश हैं- अर्जेटीना, कोलंबिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, युनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल का पहले से ही 200 अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ करार है। यह नया करार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की कड़ी में नवीनतम है।
जैसे-जैसे दुनिया अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए धीरे-धीरे खुलने लगी है, ये समझौता ज्ञापन अपने छात्रों और फैकल्टी को नए और बढ़े हुए अवसरों की पेशकश करने की अनुमति देंगे।ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार ने भारत में विश्वस्तरीय कानूनी शिक्षा बनाने के जेजीयू के व्यापक दृष्टिकोण पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा, "विविधता और वैश्विक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करने में कानूनी शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है कि हम वैश्विक स्तर पर उन युवा मस्तिष्क में नेतृत्व की समझ पैदा करें, जो भविष्य में देश और दुनिया के लिए न्याय की दिशा तय करेंगे।"
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से कोविड-19 महामारी ने दुनिया में विकास की गति पर ब्रेक लगा दिया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय यातायात पर प्रतिबंध भी शामिल हैं। भारतीय उच्च शिक्षा के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता को लेकर बहुत गंभीर हैं। यहां तक कि कोरोना की इस घड़ी में भी ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल विश्व स्तरीय कानूनी शिक्षा की दृष्टि से अपने छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्रदान करने के लिए प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।"
कानूनी शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए जेजीयू की प्रतिबद्धता न केवल बढ़े हुए सहयोग के बारे में है, बल्कि कई क्षेत्रों में विस्तार करके विविध दृष्टिकोणों की एक व्यापक श्रेणी सुनिश्चित करना है।
इस बाबत जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के कार्यकारी डीन एस.जी. श्रीजिथ ने कहा, "सब्जेक्ट (लॉ) की दृष्टि से हाल ही में क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के नंबर एक रैंक वाले लॉ स्कूल और दुनिया के 76वें रैंक वाले लॉ स्कूल के रूप में जेजीएलएस ने भारत में कानूनी शिक्षा परिदृश्य को ऊंचा उठाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।"
उन्होंने कहा, "यह बताने में मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि जेजीएलएस का पहले से ही दुनिया भर के 200 से अधिक संस्थानों के साथ करार का समृद्ध इतिहास है। आज अपने अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज का विस्तार करते हुए हम न केवल साझेदारी व अवसरों में वृद्धि सुनिश्चित करते हैं, बल्कि दुनिया भर में विस्तार करके विविध अनुभवों की गुणवत्ता पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं।
ये 10 नए सहयोग संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और लैटिन अमेरिका के 7 देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो तेजीएलएस में छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स के लिए वास्तव में वैश्विक अनुभव लाते हैं।"इस साझेदारी का उद्देश्य जेजीयू और साझेदार संस्थानों में छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स के लिए व्यापक अवसर प्रदान करना है।
अंतर्राष्ट्रीय मामलों और वैश्विक पहल के डीन मोहन कुमार ने कहा, "जेजीयू हमेशा सुनिश्चित करता है कि इसकी सभी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियां सक्रिय साझेदारियां हैं। वे जेजीयू में और शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक समुदाय के लिए मानवीय क्षमता और विकास को संवर्धित करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम न केवल जेजीयू के सदस्यों के लिए वैश्विक दृष्टिकोण लाएं, बल्कि सहयोगियों के लिए अनुभवों को बढ़ाने के लिए अपने दृष्टिकोण और संस्कृति को साझेदार संस्थानों तक भी ले जाएं और भारत और भारतीय उच्च शिक्षा की स्थिति को दुनिया के नक्शे पर भी मजबूत करें।"