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Hindi News एजुकेशन 10वीं-12वीं के स्कूल खोलने के लिए ISCE बोर्ड ने राज्यों से मांगी अनुमति

10वीं-12वीं के स्कूल खोलने के लिए ISCE बोर्ड ने राज्यों से मांगी अनुमति

ISCE बोर्ड ने सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिख 10वीं और 12वीं कक्षाओं को आंशिक रूप से 4 जनवरी से दोबारा खोलने की मांग की है।

ISCE 10th 12th classes reopen letter state chief ministers । ISCE 10th 12th classes reopen letter st- India TV Hindi Image Source : PTI (FFILE) Representational Image

नई दिल्ली. काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (ICSE बोर्ड) ने आने वाले बोर्ड एग्जाम को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य सरकारों की पत्र लिखा है। ISCE बोर्ड ने सभी मुख्यमंत्रियों से पत्र लिख 10वीं और 12वीं कक्षाओं को आंशिक रूप से 4 जनवरी से दोबारा खोलने की मांग की है।

2021 में बोर्ड परीक्षा लिखित में होगी, ऑनलाइन नहीं: सीबीएसई
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि 2021 की बोर्ड परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से लिखित मोड में ही आयोजित की जाएंगी। साथ ही कहा कि परीक्षाओं को ऑनलाइन तरीके से आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

सीबीएसई ने कहा, "2021 की बोर्ड परीक्षाएं नियमित रूप से लिखित तरीके से होंगी ना कि ऑनलाइन होंगी।" अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा की तारीखें अभी तय नहीं की गई हैं।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, "छात्रों के बेहतर भविष्य के साथ-साथ प्रगति सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना महत्वपूर्ण है।"

इस साल महामारी और उसके बाद जनजीवन में आए 'नए सामान्य' के बीच परीक्षाओं को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच कई तरह की अटकलें लग रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं के पंजीकरण से लेकर क्लासें तक सब कुछ वर्चुअली संचालित की जा रहीं हैं।

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था, "ऑनलाइन शिक्षा उन छात्रों के लिए एक बड़ी चुनौती है जो लगातार स्कूल और कॉलेज से दूर हैं। लेकिन छात्रों को इस चुनौती को एक अवसर में बदलने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।" ऐसी सभी संभावनाओं के चलते सरकार ने महामारी के बीच में भी परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए एक नई पहल की है।

शिक्षा मंत्री ने परीक्षाओं के संचालन के लिए पूर्व छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ तीन-चरण की वार्ता रखने की योजना बनाई है। वेबिनार के जरिए वह 3 अलग-अलग दिनों में इनसे संवाद कर सकते हैं। इसके बाद वह राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों से बात करके समीक्षा करेंगे, ताकि परीक्षाएं आयोजित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय के आदेशों के अनुसार विस्तृत योजना बनाई जा सके।

उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी चुनौती बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ अध्ययन करने और समय पर परिणाम जारी करने की है ताकि छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो।" (IANS)

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