देश के प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इस्टिट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में इस प्लेसमेंट सीज़न में छात्रों को हाई पैकेज वाली नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। छात्रों को कंपनियां अधिकतम 10 लाख सालाना की ही जॉब आफर कर रह हैं। इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि आईआईटी छात्रों को 10 लाख से ऊपर वाले प्लेसमेंट मिलने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में किया गया दावा
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईआईटी ग्रेजुएट्स को इस साल ₹10 लाख से कम का सालाना पैकेज दिया जा रहा है और इसका कारण है कंपनियां लगातार हायरिंग कम कर रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, कॉलेज ज्यादा से ज्यादा कंपनियों तक से हायरिंग करने की कोशिश कर हैं क्योंकि आमतौर पर 6 छात्रों को काम पर रखने वाली कंपनियों ने कॉलेज से केवल एक या दो को ही जॉब दी है और वो भी ये ऐसी नौकरियां हैं जो सालाना ₹6 लाख की न्यूनतम सैलरी देती हैं, जबकि अन्य छात्र नौकरियां तलाश रहे हैं।
ग्लोबल इकानॉमिक स्लोडाउन ने असर डाला- प्रोफेसर सुहास जोशी
रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, "ग्लोबल इकानॉमिक स्लोडाउन ने आईआईटी इंदौर के 2024 ग्रेजुएट बैच के लिए कैंपस प्लेसमेंट पर काफी असर डाला है। पिछले साल की तुलना में भर्ती करने वालों की संख्या में कमी के कारण प्लेसमेंट सीज़न चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस प्रभाव को दूर करने के लिए, आईआईटी इंदौर ने पूर्व छात्रों के नेटवर्क का लाभ उठाकर शुरुआती कदम उठाए हैं और पीएसयू सहित संभावित एम्पलॉयर का विस्तार करने की कोशिश की है।"
छात्रों ने बताई पैकेज
आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र ने कहा, “जो कंपनियां पिछले साल तक 5 से 8 छात्रों को चुनती थीं, वे इस साल 1 या 2 को चुन रही हैं। कईयों को अभी भी नौकरी पर नहीं रखा गया है। कोचिंग क्लास से लेकर स्टार्ट-अप तक, कुछ को हाल ही में चरण 2 में ₹60,000 से ₹80,000 के वेतन पैकेज के लिए चुना गया है।
आईआईटी खड़गपुर के एक छात्र ने कहा, "स्पेक्ट्रम टेक्नोलॉजीज ने ट्रेनी इंजीनियरों के लिए ₹3.6 लाख और ट्रेनी डिजाइन इंजीनियरों के लिए ₹6 लाख की पेशकश की। स्टार्टून लैब्स और जेम मशीनरी ने सालाना ₹5.5 लाख की पेशकश की। स्काईरूट ने ₹5 लाख की पेशकश की। श्री चैतन्य और नेक्स्ट एजुकेशन सालाना ₹4.8 से 6 लाख की पेशकश करते हैं।"
आईआईटी दिल्ली में इस प्लेसमेंट सीज़न में क्या हाल?
रिपोर्ट में आगे किया गया है कि आईआईटी दिल्ली के ग्रेजुएट्स का एक बड़ा हिस्सा अभी भी ऑफिस ऑफ करियर सर्विसेज (ओसीएस) के माध्यम से जॉब के अवसरों की तलाश कर रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 5 अप्रैल तक, ओसीएस के साथ रजिस्टर्ड 1,814 छात्रों में से 1,083 ने नौकरी हासिल कर ली है, जिसका मतलब है कि लगभग 40% को अभी भी रोजगार नहीं मिला है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रेजुएट्स प्रोग्राम्स में, आईआईटी दिल्ली में 903 छात्रों में से 81% को नौकरी के ऑफर मिले हैं।
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