A
Hindi News एजुकेशन IIT रोपड़ को मिला 500 एकड़ का नया परिसर, जानिए डिटेल

IIT रोपड़ को मिला 500 एकड़ का नया परिसर, जानिए डिटेल

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने गुरुवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आईआईटी रोपड़ के नए परिसर का उद्घाटन किया। जिस परिसर का उद्घाटन किया गया है, वो 500 एकड़ में बना है और इसका निर्माण आईआईटी रोपड़ ने ही किया है।

<p>IIT Ropar gets 500 acre new campus</p>- India TV Hindi Image Source : FILE IIT Ropar gets 500 acre new campus

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने गुरुवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से आईआईटी रोपड़ के नए परिसर का उद्घाटन किया। जिस परिसर का उद्घाटन किया गया है, वो 500 एकड़ में बना है और इसका निर्माण आईआईटी रोपड़ ने ही किया है। निशंक ने कहा, "देश भर के आईआईटी संस्थान अपने प्रयासों द्वारा देश को सुदृढ़ बनाने में यथोचित योगदान दे रहे हैं। सभी आईआईटी संस्थानों की सफलता के पीछे कई कारण हैं। उनमें से सबसे अधिक महत्वपूर्ण कारण हैं, उसका अनुकूल एवं संतुलित शैक्षिक वातावरण और इन संस्थानों की यही प्रणाली भारत को ज्ञान शक्ति के रूप में उभारने में मदद करेगी।"

आईआईटी रोपड़ में तीन अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम, 108 स्नातक छात्रों एवं चार संकाय सदस्यों से 2008 में शुरू हुए आईआईटी रोपड़ में वर्तमान में 10 अभियांत्रिकी विभाग, 2324 छात्र और 170 संकाय सदस्य हैं। डॉ. निशंक ने आईआईटी रोपड़ की वैश्विक एवं घरेलू रैंकिंग में सुधार की प्रशंसा करते हुए संस्थान द्वारा कोरोना संकट के समय में किये गए कार्यों को भी सराहा।

उन्होंने कहा, "यह संस्थान हमेशा से इस बात के लिए प्रयासरत रहा है कि यहां विश्व स्तरीय संकाय की नियुक्ति की जाए। अनुसंधान आधारित सहभागिता निर्माण किया जाए। अनुसंधान एवं विकास हेतु परिसर में समग्र वातावरण निर्मित कर वर्तमान पीढ़ी की आकांक्षाओं को समझा जाए। कोरोना संकट काल में डीआईवाई मास्क के निर्माण से लेकर यूवीजीई प्रौद्योगिकी आधारित यूव्हीसेफ जो दुबई आईपीएल में खिलाड़ियों के कक्ष को स्टेरलाइज करने के लिए इस्तेमाल होता है ।

इससे कोरोना से जंग में इस संस्थान ने अपना योगदान दिया है। संकट के दिनों में भारतीय प्रौद्योगिकी क्रांति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर और उसे समाज के प्रति समर्पित कर आईआईटी रोपड़ ने शिक्षा मंत्रालय के लक्ष्य का पूर्ण रुप से अनुसरण किया है।"

डॉ. निशंक ने कहा, "अगर हमें ज्ञान की सर्वोच्च शक्ति बनना है तो विशेषत वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय ज्ञान की आकृष्टता के साथ देश के प्रत्येक क्षेत्र को व्याप्त होना होगा। भारतवर्ष को ज्ञान समाज के रुप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में हम आईआईटी संस्थानों को भागीदार के साथ सहयोग की अपेक्षा करते हैं।"डॉ. निशंक ने आईआईटी रोपड़ को नए परिसर के लिए बधाई देते हुए कहा कि सरकार एवं शिक्षा मंत्रालय हमेशा सभी संस्थानों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Latest Education News