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Hindi News एजुकेशन Train की किस बोगी से हुई है चैन पुलिंग, पुलिस को तुरंत कैसे लग जाता है इसका पता? जानें इसकी वजह

Train की किस बोगी से हुई है चैन पुलिंग, पुलिस को तुरंत कैसे लग जाता है इसका पता? जानें इसकी वजह

क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि चैन पुलिंग होते ही पुलिसवालों को कैसे पता चल जाता है? इस सवाल का जवाब हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है। इसकी मुख्य वजह है कि हमारे देश में लाखों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। लोगों को ट्रेन से सफर करना सुलभ और सरक्षित लगता है। यहा कारण है कि भारी संख्या में लोग इससे सफर करना पसंद करते हैं। हर श्रेणी का इसान- अमीर, गरीब सब इससे सफर करते हैं। आपने भी कई बार रेल से सफर करने का आनंद लिया ही होगा। आपके सामने भी कभी चैन पुलिंग हुई ही होगी। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि चैन पुलिंग होते ही पुलिसवालों को कैसे पता चल जाता है? कौन से कोच में हुई है चैन पुलिंग? आज हम आपको इस खबर के जरिए इसी बात की जानकारी देंगे।

ट्रेन की हर बोगी में इमरजेंसी ब्रेक दी जाती हैं, जिनको केवल आपातकालीन सिचुएशन में ही यूज किया जाता है। ट्रेन में इन ब्रेक्स को एक चैन के फॉर्मेट में दिया जाता है, जो कोच में खिड़की से उपर की तरफ होती है। जैसे ही कोई शख्स इस इमरजेंसी ब्रेक को खींचता है तो ट्रेन रुक जाती है। हालांकि, बिना किसी वजह के इसे खींचना भारी भी पड़ सकता है।   

चैन पुलिंग वाली बोगी का कैसे लग जाता है RPF को पता?
यात्रा के दौरान कुछ लोग चेन पुलिंग कर देते हैं , अब बात ये है कि पुलिस को कैसे पता चल जाता है कि किस बोगी से चैन पुलिंग हुई है। दरअसल, जिस कोच से चैन पुलिंग की जाती है, वहां से बहुत तेज एयर प्रेशर के लीक होने की आवाज आती है। इस आवाज के सहारे रेलवे पुलिस फोर्स या RPF को उस का पता चल जाता है। वैसे यह ब्रेक सिस्टम पर भी निर्भर करता है। वेक्यूम ब्रेक ट्रेन में चेन खींचने पर कोच के ऊपर वाले कोने में एक वाल्व घूम जाता है, जिसे देखकर भी कोच का पता चल जाता है कि किस डिब्बे से चैन पुलिंग की गई है।

बाद में करते हैं मेन्युअली सेट
आपको बता दें कि ट्रेन के डिब्बों में की साइड की दीवारों पर इमरजेंसी फ्लैशर्स लगे होते हैं। इमरजेंसी चेन खींचते ही कोच (जिसमें चेन खींची गई थी) से फ्लैशर्स एक्टिव हो जाते हैं। वहीं, लोको पायलट यानी ड्राइवर के पास एक लाइट भी जलना शुरू कर देती है। इसके बाद  गार्ड, असिस्टेंट और RPF चेन पुलिंग वाली बोगी में पहुंच जाते हैं और चेन को मैन्युअल रूप से रीसेट कर देते हैं। एक बार चेन रीसेट हो जाने के बाद, हवा का दबाव धीरे-धीरे सामान्य हो जाता है और ट्रेन चलने के लिए तैयार हो जाती है।

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