देश की राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन, जो राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। इस बिल्डिंग की खूबसूरती की बात करें तो इसे बहुत ही बेहतरीन तरीके से डिजाइन किया गया है। इस भवन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान 1912 में शुरू हुआ था। राष्ट्रपति भवन 17 साल बाद बनकर तैयार हुआ। क्या आपने सोचा है कि इसमें कितने कमरे हैं और कितने लोग यहां काम करते हैं। इस भवन को बनाने में कुल कितने रुपये खर्च हुए होंगे? अगर नहीं जानते हैं तो हम आपको पूरी जानकारी देंगे।
कितने कर्मचारी राष्ट्रपति भवन में हैं?
इस भवन के निर्माण में उस समय 140 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इसके निर्माण में 29 मजदूरों को लगाया गया था। इस भवन में 340 कमरे हैं। राष्ट्रपति भवन के निर्माण का सारा श्रेय अंग्रेज हर्बर्ट और एडवर्ड लुटियंस को जाता है। इन दोनों ने मिलकर एक 4 मंजिला इमारत खड़ी कर दी थी। वहीं, एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 540 कर्मचारी हैं। ये सभी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन की निगरानी में लगाए गए हैं।
क्या-क्या सभी काम करते हैं?
इस भवन की साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए 184 सफाईकर्मी सेवा देते हैं। वहीं, राष्ट्रपति भवन के अंदर मशहूर मुगल गार्डन की देखरेख में 184 माली लगे हुए हैं। इसके साथ ही किचन के लिए दो कुक, एक चीफ बेकर और एक हेड हलवाई समेत 28 कर्मचारियों को लगाया गया है। इस बिल्डिंग में देश-विदेश से भी कई मेहमान आते हैं। ऐसे में उन सभी खाने-पीन की देखभाल के लिए 4 हेड बटलर समेत 32 बटलर काम करते हैं। नाश्ते के लिए अलग टीम है। इस भवन में बर्तन धोने के लिए 10 अलग से कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। राष्ट्रपति का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना लगा रहता है। इसके लिए 39 चालकों की तैनाती है। वहीं कपड़ों की साफ-सफाई के लिए 19 धोबी हैं। बाकी कर्मचारियों के अन्य कामों में लगाया गया है।
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