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Hindi News एजुकेशन उच्च न्यायालय ने ‘विद्यार्थी विरोधी रुख’ के लिए CBSE को लगाई फटकार

उच्च न्यायालय ने ‘विद्यार्थी विरोधी रुख’ के लिए CBSE को लगाई फटकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को उसके ‘विद्यार्थी विरोधी रुख' के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि वह कई मामलों में विद्यार्थियों को उच्चतम न्यायालय तक ले जाकर उनके साथ ‘शत्रु' जैसा व्यवहार कर रहा है.

<p>High court rebukes CBSE for 'anti-student stance'</p>- India TV Hindi Image Source : FILE High court rebukes CBSE for 'anti-student stance'

नई दिल्ली: CBSE: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को उसके ‘विद्यार्थी विरोधी रुख' के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि वह कई मामलों में विद्यार्थियों को उच्चतम न्यायालय तक ले जाकर उनके साथ ‘शत्रु' जैसा व्यवहार कर रहा है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने यह टिप्पणी बोर्ड द्वारा एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए की.

एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि कोविड-19 की वजह से रद्द परीक्षा से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए सीबीएसई द्वारा लाई गई पुन: मूल्यांकन योजना अंक सुधार के आवेदकों पर भी लागू होगी. अदालत ने कहा, ‘‘हम सीबीएसई का विद्यार्थी विरोधी रुख पसंद नहीं करते. आप विद्यार्थियों को उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर खींच रहे हैं. वे अध्ययन करें या अदालत जाएं? हमें सीबीएसई (CBSE) से मुकदमा खर्च भुगतान करवाना शुरू करना चाहिए.''

पीठ ने कहा, ‘‘वे विद्यार्थियों के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार कर रहे हैं.'' अदालत ने कहा कि अगर यह योजना सभी अंक सुधार इच्छुक विद्यार्थियों पर लागू की जाती है, तो इसमें नुकसान क्या है? उल्लेखनीय है कि एकल पीठ ने 14 अगस्त को दिए फैसले में कहा कि कोविड-19 की वजह से रद्द सीबीएसई (CBSE) की परीक्षा से प्रभावित छात्रों के लिए मूल्यांकन की जिस योजना को उच्चतम न्यायालय ने मंजूरी दी है वह अंक सुधार परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों पर भी लागू होगी, क्योंकि वे भी महामारी से बराबर पीड़ित हैं.

मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा, ‘‘ कोई भूचाल नहीं आ रहा था कि आप इस समय अदालत आए हैं.'' पीठ ने कहा कि सीबीएसई को विद्यार्थियों को अदालत में घसीटने की बजाये स्पष्टीकरण के लिए शीर्ष अदालत जाना चाहिए. अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच फरवरी 2021 की तारीख तय की है.

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