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Hindi News एजुकेशन केंद्रीय विद्यालयों में समाप्त हो सकता है 10 सीटों का सांसद कोटा

केंद्रीय विद्यालयों में समाप्त हो सकता है 10 सीटों का सांसद कोटा

केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए सांसदों को यह कोटा मिलता है। सांसद अपने निर्धारित कोटे के आधार पर अपने क्षेत्र में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करते हैं। सांसदों की सिफारिश के आधार पर अधिकतम 10 छात्रों को दाखिला दिया जा सकता है।

Kendriya Vidyalaya- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Kendriya Vidyalaya

नई दिल्ली: केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सांसदों को मिलने वाला 10 सीटों का कोटा समाप्त हो सकता है। स्वयं विभिन्न पार्टी के सांसदों ने सोमवार को लोकसभा में यह कोटा बढ़ाने या फिर पूरी तरह से समाप्त करने की मांग शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी है। आपको बता दें कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए सांसदों को यह कोटा मिलता है। सांसद अपने निर्धारित कोटे के आधार पर अपने क्षेत्र में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करते हैं। सांसदों की सिफारिश के आधार पर अधिकतम 10 छात्रों को दाखिला दिया जा सकता है।

सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए दिया जाने वाला 10 सीटों का सांसद कोटा काफी कम है। लोग इससे कहीं ज्यादा संख्या में सांसदों के पास केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए आते हैं। ऐसी स्थिति में 10 सीटें काफी कम है।

तिवारी ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस कोटे को बढ़ाएं और यदि कोटा बड़ा है नहीं जा सकता तो इसे समाप्त कर दिया जाए। ऐसी ही मांग कई और अन्य पार्टियों के सांसदों द्वारा भी शिक्षा मंत्री के समक्ष रखी गई। इसके जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि क्या हम अपने अधिकार का प्रयोग कुछ चंद लोगों के लिये काम करेंगे या फिर सांसद के तौर पर हम सभी के लिये समान काम करेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस विषय पर लोकसभा अध्यक्ष से मार्गदर्शन करने की भी अपील की। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सभी सदस्यों से कहा कि अगर सभी सहमत हों तो क्या केंद्रीय विद्यालय में कोटे से होने वाले दाखिले की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर सभी दलों के नेताओं से बात करनी चाहिए उन्होंने शिक्षा मंत्री से सभी दलों की बैठक बुलाकर इस विषय पर निर्णय लेने को कहा है।

इस बीच देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा के छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष केंद्रीय विद्यालयों की दाखिला प्रक्रिया में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक पहली कक्षा में दाखिले के लिए छात्रों की आयु एक मार्च 2022 तक छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) उन छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश प्रदान करेगा, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। इस वर्ष कक्षा एक से बारहवीं तक किसी भी कक्षा के लिए सभी केन्द्रीय विद्यालय में इस नियम का पालन किया जाएगा।

केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक दाखिला प्रक्रिया के लिए अभिभावकों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पहली कक्षा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तारीख 11 अप्रैल तक है। यह दाखिला प्रक्रिया वर्ष 2022-23 के दौरान आयोजित किए जाने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए आयोजित की जा रही है।

केंद्रीय विद्यालयों में पहली कक्षा में दाखिला पाने के लिए जहां इस वर्ष न्यूनतम आयु 6 वर्ष कर दी गई है, वहीं पिछले वर्ष तक पहली कक्षा में दाखिले के लिए आयु सीमा 5 वर्ष थी। इस वर्ष नई शिक्षा नीति के अनुपालन हेतु यह बदलाव किया गया है। केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 2 और उससे ऊपर की कक्षाओं के लिए उपलब्ध खाली सीटों के आधार पर नए दाखिले प्रदान किए जाएंगे। कक्षा 2 व उससे ऊपर की कक्षाओं में खाली हुई सीटों की लिस्ट इस 21 अप्रैल को जारी की जा सकती है।

(इनपुट- एजेंसी)

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