दिल्ली में नर्सरी एडमिशन पाना हुआ आसान! शिक्षा विभाग ने हटा दिए 62 नियम
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी क्लास में एडमिशन पाना अब आसान कर दिया है। शिक्षा निदेशालय ने अब एडमिशन से संबंधित कई नियम हटा दिए हैं।
दिल्ली के स्कूलों में नर्सरी क्लास में अगर आपको अपने बच्चे का एडमिशन कराना है तो ये खबर आपके काम की है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में एंट्री लेवल के क्लासेस के लिए एडमिशन शेड्यूल जारी किया है। जिसका नोटिस दिल्ली शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। प्राइवेट स्कूलों में बच्चे का एडमिशन करवाने के इच्छुक पैरेंट्स जाकर इसे चेक कर सकते हैं। नोटिस के मुताबिक, दिल्ली में एंट्री लेवल के एडमिशन की प्रक्रिया 25 नवंबर से शुरू होगी। नोटिस में इस साल से शिक्षा निदेशालय ने एडमिशन के लिए 62 नियमों को हटा दिया है।
आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
दिल्ली शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, अब स्कूलों में एडमिशन के लिए नॉन स्मोकर, नॉन अल्कोहॉलिक, वेजिटेरियन, कामकाजी पैरेंट्स, स्कूल परिवहन सुविधा, माता-पिता का रोजगार, और पहले आओ, पहले पाओ जैसे क्राइटेरिया खत्म कर दिए गए हैं। अब स्कूलों में छात्रों को एडमिशन के लिए सिर्फ एकेडमिशन क्वालिफिकेशन और अन्य उचित क्राइटेरिया का ही पालन करना होगा। आदेश में स्कूलों को हिदायत भी दी गई है कि एडमिशन के लिए क्राइटेरिया तय करते समय स्कूल गाइडलाइंस के खिलाफ न जाएं, अगर स्कूल आदेश नहीं मानते हैं तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी।
इन क्राइटेरिया के तहत अब नहीं होगा एडमिशन?
शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में साफ कहा है कि एडमिशन के क्राइटेरिया पारदर्शी और निष्पक्ष होने चाहिए। स्कूल में एडमिशन के क्राइटेरिया जैसे पहला बच्चा, ट्रांसफर केस, बच्चे का स्टेटस, अभिभावकों की क्वालिफिकेशन, म्यूजिक, स्कूल परिवहन, स्पोर्ट्स में अभिभावकों की राष्ट्रीय उपलब्धि, अभिभावकों का उसी स्कूल की दूसरी शाखा में कामकाजी होना, दोनों अभिभावकों का कामकाजी होना, जुड़वां बच्चे, दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टॉफ, चचेरे भाई-बहन, इंटरव्यू, मैनेजमेंट कोटा, पहले आओ पहले पाओ, ज्वाइंट फैमिली, लिंग, आर्थिक स्थिति, भाषा में पारंगत होना, गोद लिया हुआ बच्चा, स्कॉलर स्टूडेंट सहित कुछ अन्य को हटा दिया गया है।
अब एडमिशन के लिए क्या हैं नियम?
शिक्षा निदेशालय के नए नियम के मुताबिक, कक्षा नर्सरी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 3 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन स्कूल प्रिंसिपल, उम्र में एडमिशन के लिए 30 दिनों तक की छूट दे सकते हैं। वहीं, प्री-प्राइमरी क्लास के लिए आयु सीमा 5 वर्ष रहेगी। साथ ही क्लास 1st में एडमिशन के लिए अधिकतम आयु सीमा 6 साल कर दी गई है। प्राइवेट स्कूलों में EWS, वंचित समूह (डीजी) के छात्रों और दिव्यांग बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व हैं।
इसके अलावा, यदि किसी आवेदक के बीच समानता पाई जाती है, तो अभिभावकों की मौजूदगी में एक रेंडम ड्रा या कम्प्यूटरीजाइज़्ड मोड से या ड्रॉ स्लिप निकालकर बच्चों को नर्सरी, प्री-प्राइमरी और कक्षा 1 में एडमिशन दिया जाएगा।
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