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Hindi News एजुकेशन Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी के 7 ऐसे आंदोलन, जिन्होंने उखाड़ दिए थे अंग्रेजों के पैर

Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी के 7 ऐसे आंदोलन, जिन्होंने उखाड़ दिए थे अंग्रेजों के पैर

देश में महात्मा गांधी की आज 155वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर आज हम आपको उनके सात ऐसे आंदलनों के बारे में बताएंगे जिनसे अंग्रेजों के हमारे देश से पैर उखड़ गए थे।

गांधी जयंती 2024- India TV Hindi Image Source : FILE गांधी जयंती 2024

Gandhi Jayanti 2024: समूचे भारत में आज यानी 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई जा रही है। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ लेकिन ये आजादी का फल यूं ही नहीं मिल गया था। देश को यह आजादी दशकों की कड़ी तपस्या के बाद मिली थी। आज ही के दिन हमारे देश ने अपनी परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ा था। यूं तो इस आजादी में बहुत से लोगों का अहम किरदार रहा लेकिन हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कुछ अलग ही रहा। हमारे देश के  राष्ट्रपिता की अहिंसावादी सोच का पूरे विश्व में बोलबाला है और समूचे जगत में इस पथ को नमन किया जाता है। उन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए कई आंदोलन किए। आज हम महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर आपको उनके सात ऐसे आंदलनों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इस देश से अंग्रेजों के पैर उखाड़ दिए थे, जिससे वे हमारे देश को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे। 

महात्मा गांधी के आंदोलन

नीचे दी गई लिस्ट के माध्यम से आप  महात्मा गांधी के उन सात आंदोलनों से अवगत हो सकेंगे जिसकी वजह से अंग्रेजों को हमारे देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा था। चलिए जानते हैं उन सात आंदलनों के नाम। 

  • चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagraha)
  • खेड़ा आंदोलन (Kheda Movement)
  • रॉलेट ऐक्ट को विरोध (Protest Against The Rowlatt Act)
  • असहयोग आंदोलन (Non-cooperation movement)
  • नमक सत्याग्रह (Salt Satyagraha)
  • दलित आंदोलन (Dalit Movement)
  • भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement)

उक्त में से क्विट इंडिया मूवमेंट(Quit India Movement) का प्रभाव जनता पर इस कदर पड़ा था कि पूरा देश ही 'भारत छोड़ो आंदोलन' की मुहिम में शामिल था। आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस आंदोलन के दौरान ही महात्मा गांधी ने  'करो या मरो' का नारा दिया था। इन नारे से जनता पर ऐसा प्रभाव ऐसा पड़ा कि अंग्रेजों के पैर उखड़ गए और उन्हें हमारे देश को छोड़कर भागना पड़ा। 

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