चक्रवाती तूफान फेंगल ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में सबसे ज्यादा असर दिखाया है। पुडुचेरी ने अपने 30 सालों के इतिहास में पहली बार इतनी भारी बारिश देखी है। साथ ही तमिलनाडु में लैंडफॉल देखने को मिला। मौसम विभाग की मानें तो मुसीबत अभी थमी नहीं है। आज भी तमिलनाडु में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बच्चों की सुरक्षा को लेकर दोनों राज्यों के कई जिलों में सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
स्कूल और कॉलेज हुए बंद
पुडुचेरी में चक्रवात फेंगल के कारण भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है। इस कारण राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज सोमवार 2 दिसंबर को भी बंद घोषित कर दिए गए हैं। फेंगल कमजोर होने के बाद पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 3 दिसंबर के आसपास कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में केरल-कर्नाटक तटों पर पहुंचने की उम्मीद है।
इसके अलावा, तमिलनाडु के कुछ जिलों में भी सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु के विल्लुपुरम, कुड्डालोर, वेल्लोर और रानीपेट जिलों में कुछ स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे, इन जिलों में भारी बारिश होने की भी उम्मीद है।
कमजोर हुआ चक्रवात फेंगल
पुडुचेरी के पास शनिवार को पहुंचा चक्रवात ‘फेंगल’ रविवार को कमजोर पड़ गया। हालांकि, इसके प्रभाव से केंद्र-शासित प्रदेश पुडुचेरी में होने वाली मूसलाधार बारिश की वजह से आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बाढ़ग्रस्त सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। लोगों ने बताया कि पुडुचेरी में पिछले तीन दशक में प्रकृति का ऐसा प्रकोप नहीं देखा गया था। पुडुचेरी में 46 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, तमिलनाडु के कई जिलों में भी बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। तमिलनाडु के जिले विल्लुपुरम में भारी बारिश हुई और पिछले 24 घंटों में जिले के मैलम में 49 सेंटीमीटर, नेम्मेली में 46 सेंटीमीटर और वनूर में 41 सेमी. वर्षा दर्ज की गई।
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