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Hindi News एजुकेशन परीक्षा NEET UG 2025 के लिए क्या है टाई ब्रेकिंग का नया रूल, जानें डिटेल्स यहां

NEET UG 2025 के लिए क्या है टाई ब्रेकिंग का नया रूल, जानें डिटेल्स यहां

एनटीए के अनुसार, यदि मौजूदा पद्धति के बाद भी कोई समस्या नहीं सुलझती है, तो एक स्वतंत्र एक्सपर्ट समिति मार्गदर्शन प्रदान करेगी और इसे "रेंडम प्रोसेस" के जरिए सॉल्व करेगी।

सांकेतिक फोटो- India TV Hindi Image Source : PEXELS सांकेतिक फोटो

NEET UG 2025: नीट यूजी के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक शानदार खबर है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आधिकारिक वेबसाइट पर चल रही है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी 2025 के अंकों में समानता को तोड़ने के लिए एक नया नियम जोड़ा है। आइए इस खबर के माध्यम से इसके बार में डिटेल्ड से जानते हैं । 

नीट यूजी सूचना बुलेटिन में, एनटीए ने कहा कि यदि मौजूदा सात-बिंदु पद्धति के बाद उम्मीदवारों के अंकों के बीच कोई समस्या नहीं सुलझती है, तो एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गाइडेंस देगी और इसे "रेंडल प्रोसेस" के माध्यम से हल करेगी। जानकारी दे दें कि इस बार टाई-ब्रेकिंग मानदंड में NEET UG आवेदन संख्या और आयु शामिल नहीं होगी।

NEET UG 2025: टाई ब्रेकिंग रूल

  • एनटीए नीट यूजी 2025 सूचना बुलेटिन के अनुसार, यदि दो या दो से अधिक अभ्यर्थी नीट यूजी 2025 में समान अंक या प्रतिशत अंक प्राप्त करते हैं, तो इंटर-से-मेरिट(Inter-se-Merit) निम्नानुसार निर्धारित की जाएगी-
  • परीक्षा में जीव विज्ञान (वनस्पति विज्ञान और प्राणि विज्ञान) में उच्च अंक या प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, उसके बाद
  • परीक्षा में रसायन विज्ञान में उच्च अंक या प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, उसके बाद
  • परीक्षा में भौतिकी में उच्च अंक या प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, उसके बाद
  • परीक्षा में सभी विषयों में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार
  • परीक्षा में जीव विज्ञान (वनस्पति विज्ञान और प्राणि विज्ञान) में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार, उसके बाद
  • परीक्षा में रसायन विज्ञान में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार, उसके बाद
  • परीक्षा में भौतिकी में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार, उसके बाद

यदि ये सात मानदंड समाप्त हो जाते हैं और फिर भी समस्या बनी रहती है, तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में यादृच्छिक प्रक्रिया(रेंडम प्रोसेस) के माध्यम से इसका समाधान करेगा।

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