CLAT Exam 2020: सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट)-2020 के आयोजन से कुछ घंटे पहले सोमवार को एक संदिग्ध कोविड-19 पॉजिटिव परीक्षार्थी को अलग कमरे में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी। क्लैट-2020 परीक्षा के माध्यम से 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) में एलएलबी, 5 वर्षीय एकीकृत एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है। परीक्षा आज दोपहर दो बजे शुरू होने वाली थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ''वर्तमान मामले को ध्यान में रखते हुए, हम इस राय पर पहुंचे हैं कि छात्र दीपांशु त्रिपाठी को 28 सितंबर, 2020 को एक अलग पृथक कक्ष में क्लैट की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। उसके केंद्र अधीक्षक को उसके लिए एक अलग कमरे की व्यवस्था करनी चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि छात्र यह सुनिश्चित करेगा कि इस आदेश की डाउनलोड की गई कॉपी किसी अन्य गैर-लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा उसके केंद्र अधीक्षक के समक्ष यथाशीघ्र पेश की जाए। पीठ ने कहा, ''इस आदेश की प्रति दिये जाने पर, केंद्र अधीक्षक आवेदक को परीक्षा में बैठने के लिए एक अलग कमरा प्रदान करेगा। अन्य उम्मीदवारों के प्रवेश करने के बाद आवेदक केंद्र में प्रवेश करेगा और सबसे पहले परीक्षा केंद्र से निकलेगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र अधीक्षक भी जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से अनुरोध कर सकते हैं कि उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सा कर्मचारी उपलब्ध कराएं। बता दें कि लॉ कॉलेज में एडमिशन के लिए होने वाली परीक्षा CLAT में कोरोना पीड़ित छात्रों को आइसोलेशन रूम से परीक्षा देने की अनुमति दी गई है। आज दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच ये परीक्षा आयोजित की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला ज़रूरी मानते हुए सबसे पहले सुना और कहा, "आदेश का प्रिंट निकाल परीक्षा केंद्र में दें."
उच्चतम न्यायालय ने आवेदक के वकील एडवोकेट गरिमा प्रसाद को निर्देश दिया है कि वह अपने आदेश का एक प्रिंट आउट लें और छात्र को प्रवेश के लिए निर्धारित कानून प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने में सहायता करने के लिए दोपहर 12 बजे से पहले CLAT आयोजित करने वाले अधिकारियों को दें।
अदालत ने आगे आदेश दिया है कि उम्मीदवार "अन्य उम्मीदवारों के प्रवेश लेने के बाद केंद्र में प्रवेश करेगा और उनसे पहले परीक्षा केंद्र छोड़ देगा।" साथ में अदालत ने कहा "केंद्र अधीक्षक, जिला या मुख्य अधीक्षक, सरकारी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अनुरोध कर सकते हैं कि वे आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए एक चिकित्सा स्टाफ प्रदान करें।
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