नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित जो छात्र नीट की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सके थे, उनको यह महत्वपूर्ण परीक्षाएं देने का एक और अवसर प्रदान किया गया। बुधवार, 14 अक्टूबर को ऐसे छात्रों के लिए एक बार फिर से नीट की परीक्षा आयोजित की गई। इस दौरान परीक्षा केंद्रों में कोरोना से बचाव के सभी आवश्यक इंतजाम किए गए। इससे पहले 13 सितंबर को यह परीक्षा अपने निर्धारित शेड्यूल से हुई थी। तब भी परीक्षा के दौरान कोरोना वायरस महमारी के मद्देनजर साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंसिंग की व्यापक व्यवस्था की गई थी।
नीट परीक्षाओं की तरह ही जेईई के छात्रों को भी यह मौका प्रदान किया जाएगा। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक जेईई एडवांस की परीक्षा केवल उन्हीं छात्रों के लिए आयोजित की जाएगी, जिन्होंने इन परीक्षाओं के लिए अपना पंजीकरण करवाया था, लेकिन कोरोना के कारण वह यह परीक्षा नहीं दे सके।देशभर में आयोजित की गई नीट परीक्षाओं का संयुक्त परिणाम इसी माह 16 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बीच हुई नीट परीक्षाओं में 13 लाख से अधिक अभ्यार्थी शामिल हुए थे।
सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नीट परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए जाने की जानकारी दी। निशंक ने कहा, "नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, नीट परीक्षाओं का परिणाम 16 अक्टूबर को घोषित करने जा रहा है। परीक्षाओं का परिणाम 16 अक्टूबर को कितने बजे अपलोड किया जाएगा। इसकी जानकारी बाद में उपलब्ध कराई जाएगी।" इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने नीट परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं।
नीट देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले वाले छात्रों को देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने का मौका मिलता है।दिल्ली में 111 केंद्रों पर नीट की परीक्षा आयोजित की गई। वहीं पूरे देशभर में 3862 केंद्रों पर यह परीक्षा ली गई। दिल्ली में नीट परीक्षा के लिए जहां 111 परीक्षा केंद्र बनाए गए, वहीं उत्तर भारत में सबसे अधिक 320 परीक्षा केंद्र उत्तर प्रदेश में थे। महाराष्ट्र में 615 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 322 केरल परीक्षा केंद्र केरल में थे।
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