Pariskha Pe Charcha: मिस हो गई मोदी 'सर' की क्लास? यहां जानें 'परीक्षा पर चर्चा' की 10 बड़ी बातें
बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने से पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा की'। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे जहां 2 हज़ार से ज्यादा छात्र, शिक्षकगण और अभिभावक मौजूद थे
Written By : Swayam Prakash
Published : Jan 27, 2023 14:03 IST, Updated : Jan 27, 2023, 14:04:24 IST नई दिल्ली: बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने से पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा की'। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे जहां 2 हज़ार से ज्यादा छात्र, शिक्षकगण और अभिभावक मौजूद थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा को लेकर बेहद अहम मंत्र दिए। पीएम मोदी ने इस दौरान परीक्षा का तनाव, रिजल्ट का दबाव और टाइम मैनेजमेंट, एग्जाम में नकल से लेकर बच्चों के लगभग हर सवाल का जवाब दिया। पीएम मोदी के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' की 10 बड़ी बातें जानिए-
- छात्रों से पीएम ने कहा कि सोशल स्टेटस को देखकर अपेक्षा करना गलत है। प्रधानमंत्री मोदी ने पेरेंट्स को संदेश दिया और कहा कि सोशल स्टेटस देखरक बच्चों पर दबाव ना बनाएं। पीएम ने कहा कि क्रिकेटर दर्शकों के दबाव में चौके-छक्के नहीं लगाता। हमें दबाव से दबना नहीं चाहिए।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर आपको टाइम मैनेजमेंट सीखना है तो अपनी मां से सीखें। मां के पास घर में सबसे ज्यादा काम होते हैं, फिर भी टाइम मैनेज कर लेती हैं। पीएम ने बच्चों से कहा कि काम ना करने से थकान होती है। काम करने से सिर्फ संतोष होता है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिर्फ पसंद के विषयों में ज्यादा समय ना लगाएं। सबसे कठिन समय को सबसे ज्यादा समय दें। समस्या का आराम से सॉल्यूशन निकालें।
- परीक्षा पर चर्चा में छात्रों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परीक्षा में गलत प्रैक्टिस से महनती बच्चे डरते हैं। नकल से महनती बच्चों का मन दुखी होता है। पीएम ने कहा कि जितना समय और दिमाग कुछ बच्चे नकल के तरीके ढूंढने में लगाते हैं, उतना समय पढ़ाई पर ध्यान दें। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कुछ कोचिंग वाले भी चीटिंग में मदद करते हैं। नकल करने वाला एक दो एग्जाम तो पास कर लेगा लेकिन ज़िन्दगी में पास नहीं हो पायेगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से कहा कि ऐसे भी लोग हैं जो बहुत मेहनत करते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए कड़ी मेहनत उनके जीवन के शब्दकोश में मौजूद नहीं है। कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं और कुछ स्मार्ट तरीके से हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और परिणाम के लिए उसी अनुसार काम करना चाहिए।
- छात्रों के साथ चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आलोचना एक शुद्धि यंत्र है। आलोचना एक समृद्ध लोकतंत्र की पूर्व शर्त है। जीवन में आलोचनाओं से डरना नहीं है। आलोचना करने वाले अपना काम करते रहते हैं। उसे अलग रख देना चाहिए। आजकल ज्यादातर लोग आलोचना नहीं, आरोप लगाते हैं।
- पीएम ने कहा कि मां-बाप आलोचना नहीं टोका-टोकी करते हैं। बच्चों को टोका-टोकी से ही गुस्सा आता है। पीएम ने कहा कि कई बार ये भी निर्भर करता है कि आलोचना करने वाला कौन है। आलोचना के बावजूद फोकस नहीं छोड़ना चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा छात्र अपने से ज्यादा गैजेट को स्मार्ट मान लेते हैं। आजकल लोग रोजाना 6 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं। पीएम ने कहा कि गैजेट हमें गुलाम बना देता है। गैजेट का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के हिसाब से करें। पीएम ने छात्रों से आग्रह किया कि हफ्ते में कुछ दिन या फिर दिन में कुछ घंटे 'डिजिटल फास्टिंग' करें।
- पीएम मोदी ने इस दौरान अलग-अलग भाषाएं सीखने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा भाषा सीखने पर हर तरह के लोगों से बॉन्ड बनाने में आसानी होती है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परीक्षा के बारे में घर वालों को सच बताएं। एग्जाम जैसा हुआ हो वैसा ही घर वालों को बताओ। झूठ के सहारे जीने की आदत छोड़ना चाहिए। पीएम ने कहा कि कम्पटीशन भी तनाव का बड़ा कारण है। जीवन किसी एक स्टेशन पर नहीं रुकता है।
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