नई दिल्ली: 11 सितंबर को एनईईटी-पीजी 2021 परीक्षा आयोजित करने के सरकार के फैसले से कोविड योद्धा मुश्किल में हैं। जो उम्मीदवार इस पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस मेडिकल एग्जाम में शामिल होंगे, वे अपने सेंटर को बदलने और सितंबर के अंत तक प्रवेश परीक्षा कराने की मांग कर रहे है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सेंटर को बदलने की याचिका को खारिज कर दिया है।
एक डॉक्टर ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि एनईईटी-पीजी आवेदनों के दौरान उन्होंने दिल्ली को केंद्र के रूप में चुना है क्योंकि वह राज्य के सरकारी अस्पताल में काम कर रहा था। लेकिन मेरी 100 दिनों की विशेष कोविड ड्यूटी समाप्त होने के बाद मैं अन्य साथी डॉक्टरों की तरह अपने गृह राज्य में चला गया। ऐसे में अब हम राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से हमें परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देने का अनुरोध कर रहे हैं। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने इसे लेकर कुछ चिंतित उम्मीदवारों के मेल के जवाब में कहा, " इसपर हम जल्द ही अपडेट देंगे"।
एक अन्य डॉक्टर यश टिकवानी ने कहा कि बहुत से उम्मीदवारों को हॉल टिकट नहीं मिला। "एनईईटी-पीजी परीक्षा के लिए केवल दो दिन शेष हैं, फिर भी उम्मीदवारों को अपना हॉल टिकट नहीं मिला। परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क 5000 रुपये से अधिक है, और उनकी साल भर की तैयारी अब बर्बाद हो जाएगी।"
डॉक्टर यश ने आगे कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले हमें NEET-PG की तैयारी के लिए एक महीने का समय देने का आश्वासन दिया था, लेकिन व्यावहारिक रूप से इसे लागू नहीं किया गया था। डॉ. यश ने कहा, "एनईईटी-पीजी संशोधित परीक्षा की तारीख जुलाई में जारी की गई थी, लेकिन जिन डॉक्टरों ने 100 दिन की अनिवार्य कोविड ड्यूटी पूरी नहीं की उन्हें उनके काम से राहत नहीं मिली। साथ ही, मध्य प्रदेश में कुछ डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया।"
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