नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जेईई की परीक्षाएं अब एक वर्ष में चार बार आयोजित करेगा। अब यह परीक्षाएं अंग्रेजी के अलावा हिंदी, बंगाली, गुजराती, मराठी समेत 13 विभिन्न भाषाओं में भी दी जा सकेंगी। ऐसा पहली बार हुआ है जब जेईई जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित की जा रही हैं। जेईई की पहली परीक्षा अगले साल 23 फरवरी को शुरू होगी और 26 फरवरी तक चलेगी। जेईई (मेन) 2021 में उपस्थित होने के लिए अभ्यर्थियों को 16 दिसंबर 2020 से लेकर 16 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन करने का मौका मिलेगा।
अभ्यर्थी आगामी सत्रों के लिए, एक सत्र के परिणाम के बाद, अपना आवेदन वापस भी ले सकेंगे। इस स्थिति में, आगामी सत्रों के लिए जमा किया शुल्क, एनटीए द्वारा वापस किया जाएगा। इसके अलावा अभ्यर्थी आगामी सत्रों के लिए, एक सत्र के परिणाम के बाद, अपना सत्र बदल भी सकते हैं।
जो अभ्यर्थी परीक्षा के एक से अधिक सत्रों के लिए आवेदन करते हैं, वे प्रथम सत्र के बाद अन्य सत्रों की परीक्षा में उपस्थित भी हो सकते हैं और नहीं भी। इसके अलावा यदि कोई भी अभ्यर्थी एक सत्र के लिए आवेदन नहीं कर सका, तो वह इस सत्र के परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद, पोर्टल खुलने के पर अगले सत्र के लिए आवेदन कर सकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "विभिन्न बोर्ड द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती को ध्यान में रखते हुए इस बार जेईई (मुख्य) 2021 में प्रश्नपत्रों में 90 प्रश्न पूछे जाएंगे। भौतिकी, रसायन और गणित में प्रत्येक से 30 प्रश्न होंगे। जिसमें से परीक्षार्थी को कुल 75 प्रश्नों का उत्तर देना होगा। 15 वैकल्पिक प्रश्नों में नेगेटिव मार्किं ग भी नहीं होगी।"
जेईई (मेन) 2021 केवल, 'कंप्यूटर आधारित टेस्ट' (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी। केवल बी आर्क की ड्राइंग परीक्षा 'पेन एंड पेपर' (ऑफलाइन) मोड में आयोजित की जाएगी।
नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर, वर्ष 2021 में जेईई (मेन) परीक्षा पहली बार हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में आयोजित की जाएगी।
इस बार उत्तर प्रदेश के छात्र, जो पहले यूपीएसईई के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चर के पाठ्यक्रमों में उत्तर प्रदेश के संस्थानों में प्रवेश लिया करते थे, वे भी जेईई की परीक्षा में बैठ सकेंगे।
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