नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की परीक्षाओं में और देरी का ना केवल अकादमिक कैलेंडर पर बल्कि प्रतिभाशाली छात्रों के कॅरियर पर भी गंभीर असर पड़ेगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दोनों महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की तेज होती मांगों के मद्देनजर राव का बयान आया है।
उन्होंने कहा, ''इन परीक्षाओं में और देरी करने से आईआईटी के अकादमिक कैलेंडर और अभ्यर्थियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लाखों विद्यार्थियों के लिए यह अकादमिक सत्र बेकार चला जाएगा।'' उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ''हम पहले ही छह महीने गंवा चुके हैं। अगर हम सितंबर में परीक्षाएं कराते हैं तो हम कम से कम दिसंबर में तो आईआईटी में सत्र (ऑनलाइन ही सही) शुरू कर सकते हैं। ऐसे समय में परीक्षा के पैटर्न या प्रवेश प्रक्रिया से छेड़छाड़ भी सभी के लिए नुकसानदेह और अनुचित होगी।''
राव ने कहा कि कोरोना वायरस कम से कम एक साल तक तो खत्म नहीं होने वाला और हम हर समय तक लॉकडाउन के मोड में नहीं रह सकते। उन्होंने छात्रों से भी अपील की कि वे संस्थानों पर भरोसा करें और कोविड-19 के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रवेश परीक्षाओं में बैठें। कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाओं को स्थगित करने की मांगों के बीच शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि जेईई मुख्य परीक्षा और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) सितंबर में तय कार्यक्रम के अनुसार होंगी।
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