CBSE ने 10वीं, 12वीं कक्षा की कंपार्टमेंट परीक्षाओं के लिए शेड्यूल किया जारी, जानिए कब होगी परीक्षा
सीबीएसई ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा की कंपार्टमेंट की परीक्षाएं सितबंर में कराने की योजना है, हालांकि तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।
नई दिल्ली। सीबीएसई ने आज गुरुवार को कहा कि 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाओं के प्रदर्शन को सुधारने के लिये वैकल्पिक परीक्षाएं सितंबर में आयोजित कराने का प्रस्ताव है। सीबीएसई ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा की कंपार्टमेंट की परीक्षाएं सितबंर में कराने की योजना है, हालांकि तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के कंपार्टमेंटल परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। सीबीएसई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सीबीएसई कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए 13 से 20 अगस्त के बीच फॉर्म भरे जाएंगे। वहीं, 1 से 15 जुलाई तक एग्जाम नहीं देने वाले छात्रों के ऑप्शनल एग्जाम के फॉर्म भी भरे जाएंगे। बताया जा रहा है कि सीबीएसई बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षाएं सितम्बर महीने से शुरू करा सकता है।
सीबीएसई 10वीं में इस बार 1,50,198 स्टूडेंट्स और 12वीं के 87,651 स्टूडेंट्स की कंपार्टमेंट आई थी। कुछ दिनों पहले सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देकर छात्रों को पास करने से साफ इनकार कर दिया था। बोर्ड ने कहा था कि जो छात्र एक और दो विषय में फेल हैं, उन्हें कंपार्टमेंटल परीक्षा देनी ही होगी।
सीबीएसई ने एक आधिकारिक नोटिस में कहा है कि यदि कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है तो बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। बोर्ड ने यह भी कहा कि वे स्टूडेंट्स जो अपने एसेसमेंट के रिजल्ट्स से संतुष्ट नहीं हैं वे बाद में होने वाले फिजिकल टेस्ट को देकर अपने अंक सुधारने का प्रसाय कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की एक याचिका का जवाब देते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा था कि रिजल्ट स्पेशल फॉर्मुले के आधार पर जारी किया जाएगा।
बता दें कि, कोरोना संकट में सीबीएसई के कंपार्टमेंट परीक्षा लेने के फैसले के खिलाफ देश भर के 800 से ज्यादा छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। दायर याचिका में कहा गया है कि अभी तक कंपार्टमेंट परीक्षा का कोई शेड्यूल तय नहीं किया गया है, जबकि अधिकांश कॉलेज एग्जाम और एडमिशन की डेडलाइन जारी कर चुके हैं। वहीं, याचिका में सुप्रीम कोर्ट से महामारी के खत्म होने तक सीबीएसई के कंपार्टमेंट परीक्षा कराने के फैसले पर रोक लगाने के लिए कहा गया है।