नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जो बच्चे उसकी असेसमेंट पॉलिसी के तहत आने वाले रिजल्ट से असंतुष्ट होंगे उनकी परीक्षा अगस्त और सितंबर के दौरान ली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर शपथ पत्र में CBSE ने कहा कि परीक्षा 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच में ली जाएगी। CBSE ने यह भी बताया कि जिन बच्चों की कंपार्टमेंट परीक्षा होनी है वह भी 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच में ली जाएगी।
गौरतलब है कि इस साल CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कोरोना की वजह से रद्द कर दी गई हैं और रिजल्ट तैयार करने के लिए एक पॉलिसी बनाई गई है जिसके तहत 12वीं कक्षा का रिजल्ट 10वीं, 11वीं कक्षा के परिणाम तथा मिड टर्म परीक्षा के आधार पर तय किया जाएगा। CBSE ने यह भी कहा है कि जो बच्चे बोर्ड की असेसमेंट पॉलिसी से मिलने वाले रिजल्ट से असंतुष्ट होंगे वे फिजिकल परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। आज CBSE ने फिजिकल परीक्षा के समय के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट में सूचना दे दी है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 12वीं कक्षा के परिणामों की गणना के लिए एक आईटी प्रणाली विकसित कर रहा है ताकि आकलन कार्य में आसानी हो और समय की बचत की जा सके । अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कोविड-19 महामारी के कारण CBSE ने 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया था । बोर्ड ने परीक्षा परिणाम के संबंध में इन दोनों कक्षाओं के लिये वैकल्पिक मूल्यांकन नीति की घोषणा की है।
CBSE ने स्कूलों से 10वीं कक्षा के अंक 30 जून तक जमा करने को कहा गया है जबकि 12वीं कक्षा के लिये स्कूलों को 15 जुलाई की समयसीमा दी गई है । CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि आप जानते हैं कि CBSE ने “बारहवीं बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए अंकों के सारणीकरण के लिए नीति” जारी की है। इस संबंध में, सीबीएसई ने अपने स्कूलों के परिणाम की तैयारी में परिणाम समिति / स्कूलों की सहायता करने का निर्णय लिया है।
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