नयी दिल्ली: सीबीएसई ने सोमवार को 10वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा से एक कॉम्प्रिहेंशन पैसेज और उससे जुड़े प्रश्नों को हटा दिया तथा छात्रों को इसके लिए पूरे अंक देने का फैसला किया। कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देने और प्रतिगामी धारणाओं का समर्थन करने वाले प्रश्नों को लेकर विवाद के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रविवार को इस मामले को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा था और उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी।
शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में ‘‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया’’ और ‘‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है’’' जैसे वाक्यों के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जतायी गई। प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
इन प्रश्नों को लेकर ट्विटर पर लोगों ने सीबीएसई पर निशाना साधा और उपयोगकर्ता हैशटैग सीबीएसई इनसल्ट्स वीमेन (सीबीएसई ने महिलाओं का अपमान किया) का समर्थन करने का आह्वान करते दिखाई दिये। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘11 दिसंबर को आयोजित सीबीएसई की कक्षा 10वीं की फर्स्ट-टर्म परीक्षा के अंग्रेजी भाषा और साहित्य के प्रश्न पत्र के एक सेट में एक सवाल बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं था। इस पृष्ठभूमि में और हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर मामले को विषय विशेषज्ञों की एक समिति को भेजा गया था। इसकी सिफारिश के अनुसार, पैसेज और उससे जुड़े प्रश्नों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस सवाल के लिए सभी संबंधित छात्रों को पूरे अंक दिए जाएंगे। एकरूपता और समानता सुनिश्चित करने के लिए, प्रश्न पत्र के सभी सेट के नंबर एक के लिए छात्रों को पूर्ण अंक भी दिए जाएंगे।’’
प्रश्न के संदर्भ में महिलाओं को पुरुषों से कमतर दिखाने और रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह मुद्दा सोमवार को लोकसभा में भी उठाया। उन्होंने इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की गंभीर चूक बताया और सीबीएसई तथा सरकार से इन सवालों को वापस लेने की मांग की थी। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया था।
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