बाजार में चाहे मंदी हो या फिर तेजी, लेकिन अकाउंटिंग और ऑडिटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर हमेशा कुशल पेशेवरों की मांग बनी रहती है। बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के साथ उन प्रोफेशनल्स की मांग और बढ़ जाती है। यही कारण है कि, युवा इस फील्ड में करियर बनाना पसंद करते हें। अकाउंटिंग में जहां किसी संस्था या कंपनी में लेन-देन का हिसाब किया जाता है, वहीं ऑडिटिंग में इसकी ऑडिट किया जाता है। यह दोनों क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसकी जरूरत सभी को पड़ती है।
अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको 12वीं मैथ्स और कार्मस से पास करना होगा। जिसके बाद इन विषयों में बैचलर या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। हालांकि अकाउंटेंट या ऑडिटर के तौर पर बेहतर करियर बनाने के लिए लाइसेंस व सर्टिफिकेशन कोर्स करना जरूरी होता है। यहां पर हम ऐसे ही कुछ कोर्स की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें पूरा कर आप शानदार करियर बना सकते हैं।
आईसीएआई सर्टिफिकेशन
अगर आप चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं तो आपको 12वीं के बाद कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट देना होगा। यह परीक्षा हर साल जून और दिसंबर माह में आयोजित की जाती है। वहीं, अगर ग्रेजुएशन के बाद यह कोर्स करना चाहते हैं तो आपको सीपीटी देना पड़ेगा।
सर्टिफाइड इंटरनल ऑडिटर
ऑडिटर के तौर करियर बनाने के लिए आपको सर्टिफाइड इंटरनल ऑडिटर का कोर्स करना होगा। यह कोर्स भी आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स को सर्टिफिकेशन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल ऑडिटर्स द्वारा कराया जाता है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स
एसीसीए कोर्स को 12वीं के बाद किया जा सकता है। तीन साल के इस कोर्स के बाद आप अकाउंटिंग और फाइनेंस में बेहतर प्रबंधन के लिए तैयार हो सकते हैं। इस सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करने के बाद आप अकाउंट एग्जीक्यूटिव, मैनेजमेंट अकाउंटिंग एग्जीक्यूटिव, असिस्टेंट फ्यूचर्स ट्रेड जैसे पदों पर कार्य कर सकते हैं।
सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट
अगर आप किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करना चाहते हैं तो अकाउंटेंट में सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट कोर्स करना अनिवार्य है। इसके लिए सीएमए अमेरिका प्रमाणपत्र जारी करता है। इस कोर्स की अवधि छह माह की होती है। वहीं सीएमए इंडिया द्वारा कराए गए कोर्स की अवधि तीन से चार साल की होती है।
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