मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि देश में 1975-77 में आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों और दमन का विरोध करने वालों द्वारा की गई लड़ाई को समझाने वाला एक चैप्टर राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सीएम ने आपातकाल के खिलाफ संघर्ष में भाग लेने वाले "लोकतंत्र सेनानियों" के लिए कई अतिरिक्त सुविधाओं की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के दौरान संघर्ष से अवगत कराने के उद्देश्य से देश में व्याप्त परिस्थितियों, दमन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदम का विरोध करने के लिए लोकतंत्र सेनानियों के दृढ़ संकल्प पर एक पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित अपने आवास पर इमरजेंसी के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों की सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आपातकाल 21 महीने तक चला था, जिसमें नागरिक स्वतंत्रता का हनन, असहमति का दमन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन हुआ था।
लोकतंत्र सेनानियों मिलेंगी यह सुविधाएं
- सीएम ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को तीन दिन तक सरकारी अतिथि गृह में ठहरने की सुविधा 50 प्रतिशत छूट पर दी जाएगी। उन्हें राजमार्ग पर टोल चुकाने में भी छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से इलाज पर होने वाले खर्च के भुगतान में कोई देरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलाधिकारी तीन महीने के भीतर उन्हें भुगतान सुनिश्चित करेंगे।
- सीएम ने इस मौके पर घोषणा की कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले में लोकतंत्र सेनानियों को इलाज के लिए बड़े हॉस्पिटल्स या अन्य महानगरों में जाने के लिए एयर एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में शुरू की गई एयर टैक्सी सेवा के तहत आपातकाल विरोधी योद्धाओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी। इसके अलावा, अंतिम संस्कार के समय उनके परिवारों को दी जाने वाली राशि को वर्तमान 8,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के परिवार के सदस्यों को उद्योग या अन्य व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने के लिए जरूर ट्रेनिंग देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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आखिर कितने पढ़े लिखे हैं OM Birla?
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