भारत सरकार भारत के बाहर पहला आईआईटी परिसर स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पुष्टि की है कि आईआईटी मद्रास- ज़ांज़ीबार परिसर का उद्घाटन नवंबर की शुरुआत में ज़ांज़ीबार में किया जाएगा। मंत्री ने तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहु हसन को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की।
'आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाएगा'
शिक्षा मंत्री ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि किसी भी आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) का पहला ऑफशोर कैंपस ज़ांज़ीबार में स्थापित किया जा रहा है। मुझे बताया गया है कि आईआईटी-मद्रास के ज़ांज़ीबार परिसर का उद्घाटन अगले महीने की शुरुआत में होने वाला है।" प्रधान ने आगे कहा, “यह संस्थान तंजानिया और अन्य अफ्रीकी देशों के छात्रों को विश्व स्तरीय इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी शिक्षा तक पहुंच प्रदान करके दो देशों और महाद्वीपों के बीच शैक्षिक सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो राष्ट्र निर्माण में मदद करेगा और आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाएगा।”
प्रोफेसर प्रीति अघलायम अब ज़ांज़ीबार में परिसर की प्रभारी हैं, जो पहले आईआईटी मद्रास के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं।
योग्यता के आधार पर होगा चयन
आईआईटी मद्रास ज़ांज़ीबार परिसर दो पूर्णकालिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा जिसमें डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चार साल का बैचलर ऑफ साइंस और डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दो साल का मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल है। छात्रों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर होगा।
छात्रों को अपने अध्ययन के दौरान कई अवसर मिलेंगे जिनमें विदेश में अध्ययन और यूके और ऑस्ट्रेलिया में आईआईटीएम के साझेदार विश्वविद्यालयों के साथ सेमेस्टर विनिमय कार्यक्रम, विभिन्न प्रासंगिक व्यवसायों के साथ इंटर्नशिप और आईआईटी मद्रास में कुछ पाठ्यक्रम आवश्यकताओं को पूरा करने का मौका शामिल है।
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