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Hindi News एजुकेशन 50 साल बाद इस 'छात्र' को मिली PhD की डिग्री, वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान

50 साल बाद इस 'छात्र' को मिली PhD की डिग्री, वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान

करीब 50 साल बाद एक छात्र को यूएस की ब्रिस्टेल यूनिवर्सिटी ने पीएचडी की डिग्री से सम्मानित किया है। इस मौके पर उनके साथ उनकी पत्नी व उनकी 11 साल पोती मौजूद थी। आइए जानते हैं इसकी वजह...

Dr Nick Axten- India TV Hindi Image Source : UNIVERSITY OF BRISTOL डॉ. निक एक्सटेन

एक अच्छी यूनिवर्सिटी से पढ़ना हर छात्र का सपना होता है। छात्र अपनी पढ़ाई कंप्लीट होने के बाद अपनी मिलने वाली डिग्री को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं, और अगर छात्र को किन्हीं कारणवश डिग्री नहीं मिलती तो वे परेशान हो जाते हैं, वे यूनिवर्सिटी में ऑफिस-दर-ऑफिस भागने लगते हैं कि कैसे उन्हें अपनी डिग्रा मिले। ऐसे ही एक मामला आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां एक स्टूडेंट को 50 से ज्यादा साल बीतने के बाद पीएचडी की डिग्री दी गई। इस दौरान छात्र की उम्र 76 वर्ष है यानी वे बूढे़ हो गए हैं। आइए बताते हैं पूरा मामला।

1970 में शुरू की थी पढ़ाई

दरअसल, ये मामला ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी, यूके का है, यहां एक छात्र को करीब 50 साल बाद पीएचडी की डिग्री से सम्मानित किया गया। इस छात्र का नाम डॉ. निक एक्सटेन है, इनकी उम्र इस समय 76 वर्ष हो चुकी है। निक ने साल 1970 में यूएस की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी से मैथमेथिकल सोशियोलॉजी में अपनी थियेसिस शुरू की थी, लेकिन 5 साल बीतने के बाद वे अपनी PhD पूरा किए बिना ही यूके वापस लौट गए। 14 फरवरी 2023 को  76 वर्षीय डॉ. निक एक्सटेन को ब्रिस्टेल यूनिवर्सिटी ने PhD की डिग्री से सम्मानित किया। इस मौके पर उनके साथ उनकी 11 वर्षीय पोती फ्रेया और उनकी पत्नी क्लेयर मौजूद थी। निक को डॉक्टर ऑफ फिलोसफी से सम्मानित किया गया है।

बेहद कठिन थी उनकी रिसर्च

इस मौके पर निक ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें एक प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी रिसर्च काफी कठिन था।
उन्होंने कहा कि कुछ समस्याए इतनी बड़ी होती है कि इन्हें हल करने में आपके जीवन का एक बड़ा हिस्सा खप जाता है। मुझे इसे हल करने में करीब 50 साल लग गए।

साल 2016 में 69 साल के निक फिलॉसफी में एमए करने के लिए यूनिवर्सिटी ब्रिस्टल आए थे। उन्होंने फिलॉसफी में पीएचडी की डिग्री हासिल की, जो 2022 में 75 साल की उम्र तक चली।

बता दें कि डॉ एक्सटेन का रिसर्च ह्यूमन बिहेवियर की समझने की एक नई थ्योरी है। डॉ. एक्सटेन का मानना है कि यह प्रत्येक व्यक्ति के मूल्यों पर आधारित है, जिसमें व्यवहारिक साइकोलॉजी के दृष्टिकोण को बदलने की क्षमता है। डॉ एक्सटेन ने साल 1967 में ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया था। इस समय उनके 2 बेटा-बेटियां व 4 पोते-पोतियां हैं।

डॉ एक्सटेन को 2016 और 2022 के बीच का समय बेहद पसंद

उन्होंने याद करते हुए बताया कि "यह एक क्रांतिकारी भावना थी। जब एडमिशन लिया था तो वो वियतनाम युद्ध, पेरिस, प्राग और छात्रों के धरने का समय था"। उन्होंने  आगे कहा, "उस समय जैक स्ट्रॉ लीड्स में छात्र संघ के अध्यक्ष थे। समाजशास्त्र और मनोविज्ञान दोनों बेहतर विषय थे। मैंने इस विषय को चुना क्योंकि मैं लोगों को समझना चाहता था।" डॉ. एक्स्टेन ने बताया कि उन्हें 2016 और 2022 के बीच ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी में एक परिपक्व छात्र के रूप में अपना ये समय बेहद पसंद है। अपने करियर के दौरान डॉ. एक्सटेन पूरे यूके में घूमे और इस दौरान ऑक्सफोर्ड प्राइमरी साइंस स्कूल टीचिंग प्रोग्राम के निर्माता और लेखक थे।

 

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