बचपन में आप ने भी आसमान में उड़ते हवाई जहाज को देखने के लिए दौड़ जरूर लगाई ही होगी। हो सकता है आज आप हवाई जहाज में सफर कर रह हैं और सफर के दौरान हवाई जहाज को लेकर मन में कई सवाल उठते होंगे, जैसे- हवाई जहाज में खिड़की के नीचे छोटा-सा छेद क्यों होता है? लेकिन बेइज्जती के डर से आप अपने सवालों को मन में ही रख लेते हैं और किसी से पूछने की हिम्मत नही करते। या हो सकता है कि आपने इस छेद का देखकर अनदेखा कर दिया हो। पर आज हम आपको इसका अहम कारण बताने जा रहे हैं।
यात्रियों की सुरक्षा
बता दें कि कि हवाई जहाज की खिड़की पर वो छेद यात्रियों की सुरक्षा के लिए होता है। दरअसल, हवाई जहाज जमीन से हजारों फीट ऊपर आसमान में होता है। हवा में रहने के कारण ऑक्सीजन और हवा का दबाव बेहद कम होता है। ऐसे में प्लेन की खिड़कियों को स्पेशल तरीके डिजाइन किया जाता है ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। आइए बताते हैं कि वो छेद यात्रियों की सुरक्षा के लिए कैसे होता है।
खिड़की टूटने के चांसेज कम
गौरतलब है, जब हवाई जहाज आसमान में उड़ रहा होता है तब बाहर का दबाव काफी कम होता है और प्लेन के अंदर का दबाव यात्रियों के लिए बढ़ाकर ज्यादा कर दिया जाता है ताकि उन्हें सांस लेने में दिक्कत न हो। बाहर और अंदर हवा के दबाव में फर्क होने के कारण प्लेन की खिड़की पर बहुत ज्यादा दबाव रहता है, ऐसे में कांच न टूटे इसलिए प्लेन की खिड़की पर 3 परत के कांच लगे होते हैं। साथ ही प्लेन की खिड़की पर बने छोटे से छेद से हवा पास होती है। इस छेद को ब्लीड होल कहा जाता है।
इस छेद का काम बाहरी कांच और अंदर की कांच के बीच हवा का दबाव मेनटेन रखना होता है। इस वजह से खिड़की टूटने के चांसेज कम रहते हैं। साथ ही इसी छेद से हल्की हवा निकलने के साथ मॉइश्चर भी बाहर निकलता रहता है और खिड़कियों पर धुंध भी जम पाती।
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