Lawyer और Advocate दोनों एक नहीं होते, होता है इनमें बड़ा अंतर; यहां जानें क्या?
Lawyer और Advocate एक ही बात नहीं है, दोनों में बड़ा अंतर है। अगर आपको नहीं पता है तो ये खबर पढ़ आप जानकारी ले सकते हैं।
काला कोट और व्हाइट शर्ट पहने व्यक्ति को देखते ही मन में पहला ख्याल आता है कि ये व्यक्ति वकील ही होगा। आपने फिल्मों में अक्सर ऐसे किरदार देखे होंगे जो कोर्ट में अपने मुवक्किल का केस कोर्ट में लड़ते हुए नजर आ रहे होते हैं। इन्हें कई नामों से जाना जाता है कोई इन्हें अधिवक्ता कहता है तो कोई एडवोकेट, और कई लोग तो Lawyer भी कहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये सही नहीं है। Lawyer और Advocate एक नहीं होते हैं। इनमें एक बड़ा अंतर होता है। वैसे इन दोनों के पढ़ाई एक ही है। इसलिए लोग समझ नहीं पाते और ऐसा गड़बड़ी कर देते हैं। वैसे आपके लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर Lawyer और एडवोकेट (Advocate) में फर्क क्या होता है?
जानें क्या होता है Lawyer?
Lawyer और एडवोकेट दोनों को ही कानून की जानकारी होती है। बता दें, Lawyer शब्द का उपयोग जनरल नेचर में होता है। यह उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है, जिसने कानून की पढ़ाई की हो। अगर इसे सीधे शब्दों में कहें तो Lawyer वो हो सकता है, जिसने एलएलबी (LLB) यानी कानून की पढ़ाई की हो। हालांकि, ये जरूरी नहीं कि कोई भी कानून पढ़ चुका हुआ व्यक्ति एडवोकेट हो। पर किसी भी व्यक्ति को लीगल एडवाइज देने का काम Lawyer कर सकता है, लेकिन वह किसी व्यक्ति के लिए कोर्ट में केस नहीं लड़ सकता है।
Advoacte किसे कहेंगे?
अगर बात करें एडवोकेट की तो एडवोकेट को Lawyer से अलग कहा जाता सकता है। यह शब्द उन लोगों के लिए यूज किया जाता है, जो कानून की पढ़ाई करने के बाद किसी दूसरे व्यक्ति के लिए पर कोर्ट में अपनी दलील सकते हैं। जैसे हम कोई केस के लिए वकील के पास जाते हैं, और वो कोर्ट में हमारे लिए दलील देता है या केस लड़ता है, वो एडवोकेट होता है। बता दें कि हर Lawyer एडवोकेट हो यह ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन हर ए़डवोकेट Lawyer होता है।
जानकारी दे दें अगर कोई कानून पढ़ाई करने के बाद दूसरों के लिए केस नहीं लड़ता है तो वो Lawyer कहा जाता है। वहीं,अगर व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के लिए केस लड़ता है तो वह एडवोकेट बोला जाता है। यह प्रोफेशनल होता है। एडवोकेट बनने के लिए Lawyer को बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और बार के एग्जाम पास करने होते हैं, जिसके बाद वो एडवोकेट बन सकता है।
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