दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने गुरुवार को कहा कि नियमित एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद शेष खाली सीटों को भरने के लिए यूनिवर्सिटी 12वीं कक्षा के नंबरों का उपयोग कर एडमिशन देगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब यूजीसी ने केंद्रीय यूनिवर्सिटी के लिए एक एसओपी जारी की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूजी और पीजी कोर्सों में सभी सीटें भरी जाएं। यूजीसी ने कहा कि पूरे एकेडमिक सेशन के लिए सीटें खाली रखना न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि इससे कई छात्र क्वालिटी वाले हायर एजुकेशन से भी वंचित हो जाते हैं।
यूजीसी ने खाली सीटों का उठाया था मुद्दा
इसके बाद निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए योगेश सिंह ने एएनआई से कहा, "हम यूजीसी के निर्देश का स्वागत करते हैं। हम इस तथ्य के प्रति समान रूप से संवेदनशील हैं कि किसी भी कोर्स में सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए। हम यूजी कोर्सों में खाली सीटों को भरने के लिए कक्षा 12 के नंबरों का उपयोग करेंगे। हम एट्रेंस एग्जाम आयोजित नहीं करेंगे, लेकिन यह सुनिश्चित करेंगे कि यूनिवर्सिटी में सभी सीटें भरी जाएं।" यूजीसी द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, नियमित एडमिशन चरण के बाद सीटें खाली रहने पर ग्रेजुएशन (यूजी) और पोस्टग्रेजुएशन (पीजी) कोर्सों के लिए एंट्रेंस परीक्षा आयोजित कर सकते हैं।
पिछले साल 5 हजार सीटें थीं खाली
गौरतलब है कि पिछले साल डीयू में करीब 5000 सीटें खाली रह गईं, जबकि यूनिवर्सिटी ने सभी सीटों को भरने के लिए कई तरीके अपनाए थे। एकेडमिक ईयर 2024-25 के लिए एडमिशन प्रक्रिया चल रही है। दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (CUET UG) के माध्यम से 65 से अधिक कॉलेजों में 71,000 से अधिक सीटों की पेशकश कर रहा है।
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