दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए एडमिशन हो रहा है। इसी एडमिशन को लेकर कॉलेज प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि अगर छात्र एग्जाम में किसी वजह से फेल हो जाते हैं, तो उनके री-एडमिशन को लेकर जो पुराना नियम था उसमें तब्दीलियां की गई हैं। नियमों के बदलने के बाद अब प्रैक्टिकल एग्जाम को भी इसमें शामिल किया गया है। यानि अब कोई छात्र अगर प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल हो गया है तो एक बार फिर से प्रैक्टिकल परीक्षा दे कर पास हो सकता है।
क्या है डीयू का नया नियम
दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए नियमों के मुताबिक, जो छात्र प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल हो जाते हैं वो केवल उस विशेष पेपर के उसी परीक्षा में बैठने के लिए ही दोबारा एडमिशन ले सकते हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल मौजूदा नियमों में कहा गया है कि अगर कोई छात्र यूनिवर्सिटी के किसी भी परीक्षा को पास नहीं कर पाता है तो उसे डीयू के पूर्व छात्र के रूप में रजिस्टर्ड किया जाएगा। अब सवाल उठता है कि पूर्व छात्र के रूप में रजिस्टर्ड होने से छात्रों को फायदा क्या होगा? दरअसल, ऐसा होने के बाद छात्र उससे संबंधित सब्जेक्ट की परीक्षा दे पाएगा।
फिर से दे पाएंगे प्रैक्टिकल एग्जाम
नियमों में बदलाव के बाद प्रैक्टिकल एग्जाम को भी इसमें अब शामिल कर लिया गया है। जबकि, पुराने नियम के अनुसार, सिर्फ थ्योरी एग्जाम को ही इसमें शामिल किया गया था। इस नए नियम से मतलब है कि अगर कोई छात्र प्रैक्टिकल एग्जाम में फेल हो जाता है, तो वह फिर से यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले पाएगा। हालांकि, ऐसा करने के लिए उसे एक बार फिर से प्रैक्टिकल एग्जाम देना होगा। ये नया नियम एकेडमिक ईयर 2022-23 से दिल्ली यूनिवर्सिटी में लागू हो जाएंगे।
कुछ और प्रस्तावों को भी मिली है मंजूरी
एकेडिमिक काउंसिल ने हाल ही में कुछ और प्रस्तावों को भी इस विषय में मंजूरी दी थी। इसमें से एक था सीयूईटी पीजी 2023। सीयूईटी पीजी पर काउंसिल ने कहा था कि इसका इस्तेमाल दिल्ली यूनिवर्सिटी में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए किया जाएगा। हालांकि, बाद में डीयूईटी पीजी एडमिशन एग्जाम को बंद कर दिया जाएगा
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