दिल्ली यूनिवर्सिटी: कॉलेजों में नहीं हो रही स्थायी प्रोफेसर्स की भर्ती, जानें क्या है इसका कारण
दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबंद्ध कई कॉलेजों में कई पर्मानेंट प्रोफेसर्स के पद खाली हैं। इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने डीयू प्रशासन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया कि कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं की जा सकती जब तक कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी नहीं होते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े कई कॉलेजों में कई पर्मानेंट प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हैं। इन नियुक्ति की प्रक्रिया अधर में लटकी है। हालांकि कुछ कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया शुरू है। इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने पत्र लिखकर डीयू प्रशासन से मांग की है। इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक जानकारी सामने आई है। ये जानकारी थोड़ा हैरान करने वाली है। मिली जानकारी के मुताबिक डीयू से जुड़े कई विभागों व उन कॉलेजों में पर्मानेंट असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, जहां पर पर्मानेंट प्रिंसिपल हैं। हालांकि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले उन कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की जा सकी है, जहां पर अस्थायी या कार्यवाहक प्रिंसिपल हैं। इन कॉलेजों ने शिक्षकों के स्थायी पदों के विज्ञापन निकालकर उनकी स्क्रीनिंग की प्रक्रिया तो पूरी कर ली है, लेकिन प्रिंसिपल, डीयू के उस सर्कुलर का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें उन्हें स्थायी नियुक्ति करने के निर्देश दिए जाएं।
करीब 2000 होनी है भर्ती
गौरतलब है, दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू है। इस साल अभी तक करीब यूनिवर्सिटी की 20 अलग-अलग कॉलेजों में 1500 शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है। स्थाई नियुक्ति की यह प्रक्रिया उन कॉलेजों में चल रही है जहां स्थायी प्रिंसिपल हैं। शिक्षक संगठनों ने डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के उन कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है, जिन कॉलेजों में कार्यवाहक अस्थायी प्रिंसिपल हैं। उनका कहना है कि इन कॉलेजों में पिछले एक दशक से स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है और यहां पर लगभग 2000 शिक्षकों के पदों को भरा जाना है। शिक्षक संगठन फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि पूर्व में भी कार्यवाहक या अस्थायी प्रिंसिपलों द्वारा शिक्षकों की नियुक्तियां होती रही है। यह पहला अवसर है जहां नियुक्तियों पर रोक है। उन्होंने दिल्ली सरकार के कॉलेजों में प्रिंसिपलों को स्थायी नियुक्ति संबंधी सर्कुलर जारी करने की मांग की।
फोरम ने कुलपति से अनुरोध किया है कि 31 अगस्त 2022 को असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) द्वारा कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के चेयरपर्सन को सर्कुलर जारी कर कहा था कि जहां पर एक्टिंग या ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल है वहां पर टीचिंग व नॉन टीचिंग के पदों पर स्थायी नियुक्ति तब तक न की जाए जब तक स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति न हो जाए। साथ ही इस सर्कुलर में यह भी लिखा था कि प्रिंसिपल अपने यहाँ टीचिंग पदों के विज्ञापन निकाले। उनका कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन अपना सर्कुलर वापस नहीं लेती है और फिर से सर्कुलर जारी कर स्थायी नियुक्ति के निर्देश नहीं देती है तब तक दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकेगी।
कुलपति को लिखे पत्र में कहा गया है कि जिन कॉलेजों में ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल है, उन्होंने अपने यहां शिक्षकों के स्थायी पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाल लिए हैं। अभी उन कॉलेजों में स्क्रीनिंग व स्कूटनी का कार्य जोरों पर चल रहा है तथा कुछ कॉलेजों ने स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन उन कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं की जा सकती जब तक कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी कर नियुक्ति करने के निर्देश जारी नहीं कर देते।
ये हैं वो कॉलेज
जिन कॉलेजों में स्थायी सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति की जानी है उन कॉलेजों में भीमराव अंबेडकर कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य), श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (सांध्य), सत्यवती सह शिक्षा कॉलेज, सत्यवती सह शिक्षा कॉलेज (सांध्य), श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, राजधानी कॉलेज, शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य), महर्षि वाल्मीकि कॉलेज, गार्गी कॉलेज, मैत्रीय कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, इंदिरा गांधी फिजिकल एजुकेशन एंड साइंस कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज के अलावा कुछ अन्य कॉलेज हैं।
(इनपुट- आईएएनएस)
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