दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्पॉट राउंड के तहत मिलेंगे एडमिशन, सिर्फ इन छात्रों को मिलेगा लाभ
दिल्ली यूनिवर्सिटी का कहना है कि स्पॉट राउंड टू के दाखिले केवल उन छात्रों के लिए हैं जिन्हें 28 नवंबर तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्यक्रम में दाखिला नहीं मिला है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सोमवार को स्पॉट राउंड का दूसरा चरण घोषित किया गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्पॉट राउंड 2 के लिए डीयू ने अपना प्रवेश पोर्टल खोल दिया है। सभी इच्छुक उम्मीदवार स्पॉट राउंड टू के तहत आवेदन करने के लिए पात्र हैं। ऐसे छात्र जिन्हें पहले ही दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल चुका है, वह इसके लिए पात्र नहीं होंगे। पहले से दाखिला पा चुके छात्र कोर्स या कॉलेज बदलने के लिए भी इस अवसर का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
इन छात्रों के लिए है स्पॉट राउंड टू
दिल्ली यूनिवर्सिटी का कहना है कि स्पॉट राउंड टू के दाखिले केवल उन छात्रों के लिए हैं जिन्हें 28 नवंबर तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्यक्रम में दाखिला नहीं मिला है। रजिस्ट्रार ने बताया कि इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे यूनिवर्सिटी की प्रवेश वेबसाइट पर प्रदर्शित सीटों की रिक्तियों को देखें। दाखिला पाने के इच्छुक उम्मीदवार को अपने डैशबोर्ड से लॉगिन करना चाहिए और किसी एक कार्यक्रम का चयन करें।
यूनिवर्सिटी का कहना है कि रिक्त सीटों के आधार पर छात्रों को केवल ऐसे कार्यक्रम का चयन करना चाहिए, जिनमें वह दाखिला चाहते हैं। छात्रों को उन्हीं कार्यक्रमों में से अपनी पसंद तय करनी होगी, जिनके लिए स्पॉट राउंड टू में सीट की पेशकश की गई है। कोर्स चुनने के साथ ही छात्र इसमें कॉलेजों की वरीयता भी तय कर सकेंगे। दिए गए पाठ्यक्रमों सीटों और कॉलेजों का चयन करने के बाद छात्रों को फॉर्म सबमिट करना है।
सीट मिल गई तो एडमिशन लेना ही पड़ेगा
दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुताबिक यहां एक खास बात यह है कि यदि उम्मीदवार को स्पॉट राउंड टू में सीट मिल जाती है तो उसे आवंटित सीट पर प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा आरक्षित वर्ग के छात्रों को सीटें अपग्रेड करने का अवसर भी दिया जा रहा है। दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटीों में खाली बची रह गई सीटों पर दाखिले के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। इस प्रक्रिया में केवल ऐसे छात्र शामिल हो सकते हैं जिन छात्रों ने कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) में आवेदन किया है, लेकिन दूसरे चरण की घोषणा तक किसी कॉलेज में दाखिला नहीं मिली है।