A
Hindi News एजुकेशन दिल्ली हाईकोर्ट का DUSU चुनाव में बड़ा दखल, मतगणना पर लगाई रोक, विश्वविद्यालय अधिकारियों को फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट का DUSU चुनाव में बड़ा दखल, मतगणना पर लगाई रोक, विश्वविद्यालय अधिकारियों को फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने DUSU चुनाव के नतीजों पर रोक लगा दी है। 27 सितंबर को चुनाव तो होंगे, लेकिन 28 सितंबर को नतीजे आना तय नहीं है। कोर्ट का अगला आदेश आने के बाद ही चुनाव के नतीजों का ऐलान होगा।

फाइल फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली हाईकोर्ट की फाइल फोटो

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चुनाव से एक दिन पहले इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव के नतीजों की घोषणा पर रोक लगा दी है। चुनाव के लिए दीवारों पर लगाए गए पोस्टर, होर्डिंग और पैम्फलेट को लेकर नियमों का उल्लंघन हुआ है। इस वजह से वोटों की गिनती पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं छात्रों को अनुशासित करने में विफल होने पर कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की भी फटकार लगाई है। आइए आपको विस्तार से इस खबर की जानकारी देते हैं।

DUSU चुनाव के वोटों की गिनती पर लगाई रोक

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए चुनाव 27 सितंबर 2024 को होने थे और वोटों की गिनती अगले दिन 28 सितंबर को होनी थी, लेकिन अब वोटों की गिनती पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगला आदेश आने तक वोटों की गिनती नहीं की जाएगी। इसका मतलब है कि 27 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव तो होंगे, लेकिन अगले दिन चुनाव के नतीजे आना मुश्किल है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, 'जब तक सभी उम्मीदवार दीवारों पर लगाए गए पोस्टर, पैम्फलेट और होर्डिंग को हटा नहीं लेते हैं, तब तक चुनाव या परिणामों की घोषणा नहीं होगी।' कोर्ट ने आगे कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय MCD और DMRC के खर्चों का भुगतान करेगा जो उम्मीदवारों के पोस्टर को हटाने में खर्च हुआ है और इसकी भरपाई DU उम्मीदवारों से करेगा। आपको बता दें कि वोटों की गिनती अब तब तक नहीं होगी जब तक कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देता है।

कोर्ट ने DU अधिकारियों की लगाई फटकार

कोर्ट ने वोटों की गिनती पर रोक लगाने के अलावा DU अधिकारियों की भी फटकार लगाई। अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, 'नियमों के उल्लंघन से निपटने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने में DU विफल रही। DU के अधिकारियों ने मानकों को गिरने क्यों दिया और इसे रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए?' कोर्ट ने आगे कहा, अगर विश्वविद्यालय अपने छात्रों को अनुशासित नहीं करेगा तो कौन करेगा। आपके पास सारी शक्तियां हैं। आप छात्रों को निष्कासित या फिर अयोग्य घोषित कर सकते हैं लेकिन आपसे 21 उम्मीदवार नहीं संभाले गए। आप लाखों छात्रों को कैसे संभालेंगे।

ये भी पढ़ें-

इस राज्य के छात्र पढ़ाई के लिए व्हाट्सएप पर अब शेयर नहीं कर पाएंगे नोट्स, जानें क्या है यह मामला

असम राइफल्स में 10वीं पास खिलाड़ियों के लिए निकली भर्ती, यहां जानें क्या है इससे जुड़ी पूरी जानकारी

Latest Education News