नयी दिल्ली। यूनेस्को अगले माह वैश्विक शिक्षा बैठक (जीईएम) का एक विशेष सत्र आयोजित करेगा, जिसमें उच्चस्तरीय नेता, नीति निर्माता और वैश्विक शिक्षा विशेषज्ञ वर्तमान समय और कोविड-19 संकट समाप्त होने के बाद की दुनिया में शिक्षा की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। संयुक् त राष् ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस् कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने बताया कि 22 अक्टूबर को होने वाले इस सत्र का मकसद ऐसे समय में शिक्षा को बचाना और प्रोत्साहित करना है जब सरकार के घरेलू बजटों, प्रोत्साहन पैकेजों और अंतरराष्ट्रीय सहायता में शिक्षा के लिए वित्त पोषण को नजरअंदाज किए जाने की आशंका है। यूनेस्को में शिक्षा सहायक निदेशक स्टेफानिया गियानिनी ने कहा, ‘‘अगले महीने जीईएम का असाधारण सत्र बुलाने का हमारा मकसद नेताओं से यह प्रतिबद्धता व्यक्त कराना है कि वे कोविड-19 वैश्विक महामारी से शीघ्र, समग्र एवं स्थायी तरीके से उबरने के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के केंद्र में शिक्षा को रखेंगे।’’
उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए वित्त पोषण को भले ही बढ़ाया न जाए, लेकिन उसे कम नहीं किया जाना चाहिए, ताकि ‘‘पीढ़ियों को तबाही’’ से रोका जा सके। गियानिनी ने बताया कि 2020 जीईएम में वैश्विक ‘एसडीजी 4 - शिक्षा 2030’ समन्वय तंत्र में सुधार के लिए एक खाके पर समग्र विचार-विमर्श शुरू किया जाएगा। यूनेस्को के अनुमान के अनुसार, कोविड-19 के बीच दुनिया भर में शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से अधिक छात्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में 3.2 करोड़ से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.82 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है।
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