नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कामकाज की समीक्षा के गठित हाईलेवल कमेटी कर्मचारियों और परीक्षा केंद्रों की आउटसोर्सिंग को कम करने, ज्यादातर एंट्रेंस एग्जाम को ऑनलाइन आयोजित करने और नीट एंट्रेंस एग्जाम में अटेम्प्ट की संख्या को सीमित करने जैसे उपायों पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर को इसरो के पूर्व हेड आर. राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली कमेटी की फाइनल रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 2 हफ्ते का समय मांगा था।
कई सिफारिशें कर सकती है कमेटी
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट करीब-करीब तैयार हो गई है। कमेटी अपनी रिपोर्ट में ऑफलाइन परीक्षाओं को कम करने (जहां ऑनलाइन मोड पर संभव नहीं), वहां ‘हाइब्रिड’ परीक्षाओं का विकल्प देने, साथ मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट सहित एग्जाम में अटेम्प्ट की संख्या सीमित करने और परीक्षाओं की शुचिता प्रभावित न हो यह सुनिश्चित करने के लिए ‘आउटसोर्स’ कर्मचारियों और केंद्रों की भूमिका कम करने जैसी सिफारिशें कर सकती है।
कमेटी के पास 37,000 से अधिक सुझाव आए
सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा आयोजित करने में शामिल जटिलताओं, जोखिमों और सुरक्षा उपायों को लेकर 22 मीटिंग की। कमेटी ने इन मीटिंग्स में छात्रों और अभिभावकों सहित हितधारकों से सुझाव भी मांगे, जिससे कमेटी के पास 37,000 से अधिक सुझाव आए फिर कमेटी ने इन पर विचार किया।
कमेटी ने नीट के अलावा, कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी CUET के एग्जाम को लेकर विषयों को कम करने की भी सलाह दी हैं। बता दें कि मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET और पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम NET में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र ने जुलाई में इस कमेटी का गठन किया था
कमेटी ने क्या-क्या दिए सुझाव
- JEE Mains की तरह NEET एग्जाम भी एक से अधिक चरणों में आयोजित कराया जाए।
- एग्जाम के दौरान आउटसोर्सिंग कर्मियों की भूमिका कम किया जाए, साथ ही आउटसोर्सिंग वाले प्राइवेट सेंटरों की भी संख्या घटाई जाए।
- नेशनल टेस्टिग एजेंसी यानी NTA में परमानेंट कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।
- जितना हो सके ऑफलाइन परीक्षाओं को कम किया जाए, जहां ऑनलाइन मोड पर कराना मुश्किल हो, वहां हाइब्रिड (ऑनलाइन व ऑफलाइन पेन पेपर मोड दोनों) परीक्षाओं का विकल्प दें। साथ ही जहां ऑनलाइन एग्जाम संभव न हो वहां पेपर को डिजिटल मोड में भेजा जाए और उत्तर ओएमआर शीट पर लिखे जाएं।
- CUET की परीक्षा में विषयों की संख्या कम की जाए।
- मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET सहित प्रमुख परीक्षाओं में अटेम्प्ट की संख्या सीमित की जाए।
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