उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों में टीचर्स की समय से भर्ती के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस उद्देश्य के लिए इंटीग्रेटेड शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जाएगा। एक सरकारी बयान के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने राज्य में शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए एकीकृत आयोग के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग' के गठन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
'शिक्षकों के सेलेक्शन के लिए अलग-अलग आयोग संचालित हैं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के सेलेक्शन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग संचालित हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी सेलेक्शन की व्यवस्था लागू है। नीतिगत सुधारों के क्रम में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन आयोगों को इंटीग्रेटेड स्वरूप दिया जाना उचित होगा।
'शिक्षक चयन अयोगों को इंटीग्रेटेड स्वरूप देना चाहिए'
राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक चयन अयोगों को इंटीग्रेटेड स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के टाइम से सेलेक्शन, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में आयोग बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एजुकेशन सेलेक्शन कमीशन को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय(Autonomous body corporate) का स्वरूप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राइमरी तथा उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षक एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) का आयोजन भी इसी नए आयोग के जरिए किया जाना चाहिए।
'स्कोलरशिप भी दी जानी चाहिए'
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों का उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के विकास के साथ-साथ पढ़ रहे छात्रों के प्रोत्साहन के लिए स्कोलरशिप भी दी जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना को जल्दी तैयार कर पेश करें।
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