केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानी CCPA ने एक कोचिंग संस्थान पर भ्रामक विज्ञापन देने को लेकर जुर्माना लगया है। जानकारी के अनुसार भ्रामक विज्ञापन देने के लिए कोचिंग संस्थान ‘शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी’ पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने दो लाख का जुर्माना लगाया है। इस बात की जानकारी सरकारी निकाय ने रविवार को दी। CCPA ने पाया कि कोचिंग संस्थान ने अपने विज्ञापनों में उन विद्यार्थियों द्वारा लिए गए पाठ्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई, जिनके बारे में उसने दावा किया था कि उन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पास की है।
विज्ञापनों में क्या दावा किया गया था?
आधिकारिक बयान में कहा गया कि संस्थान के विज्ञापनों में दावा किया गया था कि UPSC CSE 2023 में "शीर्ष 100 में 13 छात्र, शीर्ष 200 में 28 छात्र और शीर्ष 300 में 39 छात्र" और सफल कैंडिडेट्स के नाम एवं तस्वीर प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए थे। संस्थान ने अपने विज्ञापनों और लेटरहेड में 'शुभ्रा रंजन आईएएस' और ‘शुभ्रा रंजन आईएएस के छात्र’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे यह भ्रामक धारणा बनी कि शुभ्रा रंजन एक आईएएस अधिकारी हैं/थीं।
उपभोक्ता नियामक के अनुसार, विज्ञापनों में "जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर" उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है।
इससे पहले राजेन्द्र नगर का एक कोचिंग संस्थान भ्रामक विज्ञापन को लेकर पाया गया था दोषी
वहीं, इससे पहले अक्टूबर माह में दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट 'आईएएस गुरुकुल' को मध्य दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने और एकमुश्त शुल्क वसूलने के अलावा अनुचित व्यवहार और दोषपूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने का दोषी पाया था। आयोग ने एक छात्रा को ‘दोषपूर्ण’ सेवाओं के लिए 62,363 रुपये लौटाने के अलावा उसे उत्पीड़न और मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था। (Input With PTI)
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