A
Hindi News एजुकेशन CBSE ने स्टूडेंट्स के थ्योरी और प्रैक्टिकल मार्क्स में पाया अंतर, स्कूलों को ये काम करने के लिए कहा

CBSE ने स्टूडेंट्स के थ्योरी और प्रैक्टिकल मार्क्स में पाया अंतर, स्कूलों को ये काम करने के लिए कहा

सीबीएसई ने 500 से अधिक स्कूलों में 50 प्रतिशत छात्रों के बीच कुछ विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर पाया।

सीबीएसई ने छात्रों के नंबरों में भिन्नता पाई, स्कूलों से आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा करने - India TV Hindi Image Source : FILE सीबीएसई ने छात्रों के नंबरों में भिन्नता पाई, स्कूलों से आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा करने को कहा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की सलाह दी है। बोर्ड ने लगभग 500 संबद्ध स्कूलों में छात्रों के थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर देखा। सीबीएसई ने स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए सलाह जारी की। 

'मूल्यांकन में निष्पक्षता को प्राथमिकता दें'

CBSE ने स्कूलों को इंटरनल असेसमेंट प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए सलाह जारी की और कहा कि सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया यथार्थवादी हो और पर्याप्त मूल्य जोड़ती हो। CBSE ने स्कूलों से यह भा कहा कि प्रैक्टिकल परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता दें। 

CBSE सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, "केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने उन्नत AI टूल्स के जरिए पिछले वर्षों के परिणाम के आंकड़ों के आधार पर लगभग 500 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में 50 प्रतिशत या उससे अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पाया है।" उन्होंने कहा, "यह विसंगति स्कूलों में प्रैक्टिकल एग्जाम्स के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता को उजागर करती है। परिणामस्वरूप, बोर्ड ने ऐसे विद्यालयों को अपनी इंटरनल असेसमेंट प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए एक एडवाइजरी की है।"

CBSE ने बताया, "इसका मकसद अधिक मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र को लागू करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मूल्यांकन प्रक्रिया यथार्थवादी हो और छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में पर्याप्त मूल्य जोड़े।" CBSE सचिव ने कहा,"यह परामर्श प्रैक्टिकल एग्जाम्स के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता देने के लिए एक स्मरण-पत्र के रूप में कार्य करता है, जिससे सीबीएसई से संबद्ध संस्थानों में दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी में बढ़ोतरी होगी।" 

ये भी पढ़ें- ये हैं देश की सबसे कम उम्र की सांसद
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए जान जोखिम में डालकर वेंटिलेशन से कूदते दिखे श्रद्धालु, वीडियो हुआ वायरल
'मैं यहां का भाई हूं, मुझसे बिल मांगेगा,' खाने के रुपये मांगने पर होटल मालिक के उपर चाकू से किया वार
 

 

Latest Education News