CBSE बोर्ड इस एकेडमिक सेशन से करा सकता है साल में 2 बार परीक्षाएं, नहीं लागू होगी सेमेस्टर सिस्टम
CBSE जल्द ही अपने बोर्ड परीक्षा के फॉर्मेट में बड़ा बदलाव कर सकता है। सूत्रों की मानें तो वह अगले एकेडमिक सेशन से साल में 2 बार परीक्षाएं करा सकता है।
CBSE Board Exams: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सीबीएसई जल्द ही नए एकेडमिक सेशन से साल में 2 बार बोर्ड एग्जाम आयोजित कर सकता है। सूत्रों की मानें तो बोर्ड ये योजना 2025-26 एकेडमिक सेशन से लागू कर सकता है। साथ ही बोर्ड में सेमेस्टर सेमेस्टर सिस्टम शुरू करने की कोई ठोस योजना नहीं बना रहा है।
एग्जाम फॉर्मेट में हो सकता है बड़ा बदलाव
सूत्रों ने कहा कि सीबीएसई 2025-26 एकेडमिक सेशन से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कर सकता है। यदि यह संभावित कदम लागू किया जाता है, तो ट्रेडिशनल एनुअल एग्जाम फॉर्मेट में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो जाएगा। बता दें कि साल में दो बार परीक्षाओं के होने से छात्रों को विभिन्न विषयों में अपनी समझ और क्षमता दिखाने के अधिक अवसर मिल सकते हैं।
स्कूलों के प्रिंसिपल्स के साथ चर्चाएं
सूत्रों ने आगे बताया कि शिक्षा मंत्रालय सीबीएसई के साथ अगले महीने स्कूल प्रिंसिपलों के साथ बैठक करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इन सभी से बैठक करने पर साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना के संबंध में सभी की जरूरी राय जानना, बेहद काम का साबित होगा। सूत्र ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने बोर्ड से इस पर काम करने को कहा है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा किस तरह आयोजित की जाएगी। बोर्ड इस पर काम कर रहा है, साथ ही अगले महीने स्कूल के प्रिंसिपलों के साथ बात की जाएगी।’’
सावधानीपूर्वक प्लानिंग की जरूरत
हालांकि यह ध्यान देने योग्य है कि ऐसे किसी भी बदलाव के लिए सावधानीपूर्वक प्लानिंग की जरूरत होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह व्यापक एजुकेशनल उद्देश्यों के साथ कंसीडर हो और छात्रों या शिक्षकों पर फिजूल का बोझ न पड़े। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल, सीबीएसई परीक्षा स्ट्रक्चर में इस प्रस्तावित बदलाव की कार्यशैली और संभावित प्रभावों के बारे में एजुकेशन वाले माहौल में चर्चा और विचार-विमर्श हो रहा है। पिछले साल शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के मुताबिक, बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्टूडेंट्स के पास बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो और उन्हें अच्छे स्कोर बनाए रखने का विकल्प मिले।
(इनपुट- भाषा)
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