पेपर लीक मामले में CBI ने इस राज्य में 14 जगहों पर की छापेमारी, 20 लोगों पर मामला दर्ज
आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आते ही रहते हैं। पेपर लीक मामले को सीबीआई ने करीब 14 जगहों पर छापेमारी की है। ये परीक्षा जेकेएसएसबी द्वारा 06 मार्च 2022 को आयोजित की गई थी और रिजल्ट 21 अप्रैल 2022 को जारी किए गए थे।
इन दिनों परीक्षा के दौरान पेपर लीक होना आम होता जा रहा है। छात्र पूरे साल सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं और नकल माफिया पेपर लीक कर उनके सपनों पर पानी फेर देता है। सरकार इसे लेकर सख्त रहती है पर नकल माफिया ऐसी हरकत करने से बाज नहीं आते। ऐसे ही एक पेपर लीक मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू कश्मीर में आरोपी और अन्य (तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी सहित) के परिसरों में जम्मू, सांभा आदि सहित करीब 14 जगह छापे मारे। CBI ने फाइनेंस डिपार्मेंट में अकांउट असिस्टेंट के पद के लिए जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्र शासित प्रदेश में बुधवार को करीब 14 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया और 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
डॉक्टर समेत 20 पर मामला दर्ज
CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) के तत्कालीन सदस्य (जेकेएएस), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा के तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, निजी व्यक्तियों, निजी कंपनी और अन्य सहित 20 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि जेकेएसएसबी के तत्कालीन सदस्य सहित अभियुक्तों के परिसरों पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। भर्ती के लिए लिखित परीक्षा जेकेएसएसबी द्वारा 6 मार्च, 2022 को आयोजित की गई थी। परिणाम 21 अप्रैल को घोषित किए गए थे।
'परीक्षा के संचालन में घोर धांधली की गई'
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "परीक्षा में कदाचार के संबंध में आरोप थे और जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया। समिति की रिपोर्ट में जेकेएसएसबी के अधिकारियों, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, 'लाभार्थी उम्मीदवारों' और अन्य के बीच कथित साजिश का खुलासा हुआ। परीक्षा के संचालन में घोर धांधली की गई।"
बता दें कि उक्त भर्ती के लिए लिखित परीक्षा जेकेएसएसबी द्वारा 06 मार्च 2022 को आयोजित की गई थी। रिजल्ट 21 अप्रैल 2022 को घोषित किए गए थे। परीक्षा और सरकार पर कदाचार के संबंध में आरोप लगे थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया। समिति की रिपोर्ट में जेकेएसएसबी, बैंगलोर स्थित निजी कंपनी के अधिकारियों, लाभार्थियों उम्मीदवारों और अन्य लोगों के बीच उक्त परीक्षा के संचालन में घोर अनियमितता के कथित षड़यंत्र का खुलासा हुआ। सीबीआई को जांच के दौरान जम्मू, कठुआ और रियासी जिलों से कुछ चुनिंदा हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र लीक होने के बारे में पता चला। सीबीआई ने कहा कि बेंगलुरु की एक निजी कंपनी को प्रश्नपत्र तैयार करने का काम सौंपने में जेकेएसएसबी ने नियमों का उल्लंघन किया और जालसाजी भी पाई गई।
आरोपियों के नाम
1- डॉ. करनैल सिंह, तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा
2- अश्विनी कुमार
3- अशोक कुमार, जम्मू-कश्मीर पुलिस में तत्कालीन एएसआई
4- आरईटी शिक्षक के रूप में कार्यरत रोशन ब्राल
5- मैसर्स मेरिटट्रैक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु
6- नीलम खजुरिया, जेकेएएस, तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी
7- अंजू रैना, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी, जेकेएसएसबी
8- मुक्ता देवी
9- लक्ष्मी शर्मा
10- मुकेश कुमार
11- शुभम पटयार
12- मनीषा कुमारी
13- अविनाश शर्मा
14- बंदना शर्मा
15- गुरजीत कौर
16- बंदना चौधरी
17- राजिंदर मखनोत्रा
18- गुरप्रीत सिंह
19- कुलविंदर सिंह;
20- हरपाल सिंह और अज्ञात अधिकारी व अन्य।