Career Tips: 12वीं के छात्र ध्यान दें, इस कोर्स के बाद नहीं रहेंगे बेरोजगार! लाखों में है शुरूआती पैकेज
Career Tips: 12वीं में पहुंचते ही छात्र करियर को लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं। उन्हें अपने भविष्य को लेकर डर सताने लगता है। इसलिए यहां छात्रों को एक ऐसे कोर्स की जानकारी दी जा रही जिससे उनकी चिताएं दूर हो सकती है।
इन दिनों कई राज्यों में बोर्ड के एग्जाम शुरू हैं या फिर होने वाले हैं। ऐसे में छात्रों को अपने भविष्य की चिंता भी सताने लगी है। अक्सर देखा गया है कि छात्र 12वीं पास करते ही अपने करियर को लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं और वह अपने परिचितों से या फिर बड़े-बुजुर्गों से सलाह लेने लगते हैं कि वह आगे क्या करें। कभी-कभी उनके परिचित या दोस्त उन्हें सही सलाह देते हैं पर ज्यादातर वह उन्हें कई कोर्स के नाम बताकर कंफ्यूज कर देते हैं और छात्र किसी एक कोर्स को लेकर निर्णय नहीं ले पाते। ऐसे में छात्र परेशान हो जाते हैं। इसलिए यहां हम आपके लिए ये जानकारी लेकर आए हैं अगर आपने 12वीं पास कर ली है तो आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अपना हाथ आजमा सकते हैं। इस कोर्स को कम्लीट करने के बाद आप कई कंपनियों में नौकरी करने के लिए एलिजिबल हो जाएंगे।
आजकल का दौर टेक्नोलॉजी का है। ऐसे में हम मोबाइल,लैपटॉप, कंप्यूटर आदि से घिर चुके हैं। या यूं कहें कि यह सभी हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। इन सभी को चलाने के लिए सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है और यहीं से सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम शुरू होता है। अगर आपको टेक्नोलॉजी में रुचि है, तो आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन अपना करियर चमका सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक तरह का कंप्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स है, इस कोर्स में सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग और डेवलपमेंट करना सिखाया जाता है। ऐसी कई यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट हैं जो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में अपने कोर्स उपलब्ध कराती हैं।
क्या है एलिजिबिलिटी?
इस सेक्टर में अपना करियर बनाने के लिए आपको कई यूनिवर्सिटी से बैचलर या डिप्लोमा कोर्सेज की जानकारी मिल जाएगी। इस कोर्स के लिए छात्रों को साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना चाहिए। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए छात्रों को 60 परसेंट या उससे अधिक नंबर लाने अनिवार्य हैं। इस कोर्स के लिए आपको JEE Mains, MHT CET देना और अच्छे मार्क्स प्राप्त करना ज़रूरी है। अगर आप विदेशों से यही कोर्स करना चाहते हैं तो आपको TOEFL, IELTS , PTE या ड्विलिंगो इंग्लिश टेस्ट देना होगा। आपको विदेश में पढ़ाई के लिए GRE/GATE के एग्जाम भी देने होंगे।
ये हैं डिप्लोमा कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स इन डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग
शार्ट कोर्स ऑन डेवलपिंग इंडस्ट्रियल इंटरनेट थिंग्स
पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन वायरलेस एंड मोबाइल कम्पूटरिंग
सर्टिफिकेट इन जावा प्रोग्रामिंग
सर्टिफिकेट रेस्पॉन्सिव वेबसाइट बेसिक्स – कॉड विथ HTML, CSS, and JavaScript
MySQL
Java, Python, C, C++, SQL, HTML और अन्य भाषओं में एडवांस कोर्स सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
DBA
डाटा विसुअलिज़शन कोर्स
मोबाइल एप डेवलपमेंट कोर्स
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में करियर
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियर
2. सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट
3. चीफ टेक्निकल ऑफिसर
4. सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
5. सॉफ्टवेयर ट्रेनी डेवलपर
6. सॉफ्टवेयर डेवलपर
7. वीडियो गेम डिजाइनर
8. साइबर सिक्योरिटी मैनेजर
इनके अलावा भी और भी कई पद हैं।
कितनी होगी सैलरी?
एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी हर कंपनी में अलग-अलग होती है। इसके साथ सैलरी इस बात पर भी निर्भर करती है कि उम्मीदवार का कंप्यूटर भाषाओं पर कमांड कैसा है। अगर एक एवरेज सैलरी की बात करें तो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शुरूआती सैलरी पैकेज 4.5 लाख सालाना होती है। लेकिन अगर आप दिल्ली और बेंगलुरु जैसे हाईटेक शहरों में नौकरी करते हैं तो आपकी सैलरी पैकेज इससे ज्यादा भी हो सकती है।
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