यूपी में 69,000 शिक्षक भर्ती मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। आज 9000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा और ज्वाइंट डायरेक्टर गणेश कुमार से मुलाकात की। अधिकारियों से मिलकर 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश हुए। इसके बाद उन्होंने सीएम आवास घेराव करने का ऐलान कर दिया।
हाइकोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग
पिटीशन दायर करने वाले विजय यादव के नेतृत्व में वीरेंद्र वीर, अमरेंद्र पटेल,यशवंत कुमार, कृष्ण चन्द्र व अवनीश कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से मुलाकात की और हाइकोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग दोहराई व सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस के बारे में भी चर्चा की।
'अधिकारियों के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं'
इस बारे में बात करते हुए विजय यादव ने बताया कि दोनों अधिकारियों के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं था और न ही उनके पास कोई ठोस योजना है, जिससे वंचितों को नौकरी और जिनकी नौकरी लग चुकी है उनकी नौकरी की सुरक्षा की जा सके। इसके बाद मुलाकात से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
बता दें कि 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर एक पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया है। जनरल कैटेगरी से अचनित उम्मीदवार विनय पांडेय और शिवम पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी, साथ ही कहा था कि सरकार इस भर्ती की मूल चयन सूची न बनाए, जिससे जनरल कैटेगरी के छात्रों को अहित न हो।
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