नीट पेपरलीक मामले में बिहार पुलिस को मिली बड़ी सफलता, बरामद किए 6 पोस्ट-डेटेड चेक
NEET मामले में बिहार पुलिस ने 6 पोस्ट-डेटेड चेक बरामद किए हैं। इसे पुलिस की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
नीट पेपर लीक मामला अब गहराता हुआ नजर आ रहा है। बिहार पुलिस ने इस मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 6 पोस्ट-डेटेड चेक बरामद किए हैं, जिनके बारे में शक है कि ये चेक माफिया के पक्ष में जारी किए गए थे, जो पिछले महीने आयोजित नीट से पहले कथित रूप से लीक हुए पेपर की मांग करने वाले हर उम्मीदवार से 30 लाख रुपये से अधिक की मांग कर रहे थे।
6 पोस्ट-डेटेड चेक बरामद
ईओयू के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने रविवार को बताया, "जांच के दौरान, ईओयू के अधिकारियों ने 6 पोस्ट-डेटेड चेक बरामद किए, जो अपराधियों के पक्ष में जारी किए गए थे, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों को पेपर उपलब्ध कराए थे।" उन्होंने कहा कि हम संबंधित बैंकों से अकाउंट होल्डर के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
13 लोग हो चुके गिरफ्तार
ईओयू ने कथित नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में अब तक 4 परीक्षार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। डीआईजी ने कहा कि सभी आरोपी बिहार के हैं। उन्होंने कहा कि ईओयू ने 9 उम्मीदवारों (बिहार से 7 और उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से 1-1) को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भी जारी किया है। जानकारी दे दें कि नीट-यूजी 2024 का आयोजन एनटीए ने 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए किया था। वहीं, रिजल्ट 4 जून को घोषित किया गया था और रिजल्ट घोषित होते ही हंगामा मच गया, कई छात्रों ने मामले में लापरवाही का आरोप लगाया।
सेफ हाउस से मिले थे पेपर और आंसर
कथित पेपर लीक और परीक्षा की अस्मिता को लेकर चिंताओं के कारण छात्रों ने नए सिरे से परीक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सूत्रों के अनुसार, यह संदेह है कि 9 उम्मीदवारों के साथ-साथ बिहार के 4 अन्य परीक्षार्थियों को, जिन्हें पहले ही ईओयू द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है, 5 मई को परीक्षा आयोजित होने से एक दिन पहले पटना के पास एक 'सेफ हाउस' में परीक्षा का पेपर और आंसर मिले थे।
30 लाख रुपये से अधिक का भुगतान
पूछताछ के दौरान, उम्मीदवारों ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता ने परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने वालों को प्रति उम्मीदवार 30 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया था। "लेन-देन के सबूत भी मिले हैं और जांच के दौरान 6 पोस्ट-डेटेड चेक भी बरामद किए गए हैं। ईओयू के अधिकारियों ने सेफ हाउस से आंशिक रूप से जले हुए प्रश्नपत्र भी बरामद किए हैं। "हमने एनटीए से नीट के पेपर मांगे हैं। इसने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है।
35 उम्मीदवारों को मिले थे पेपर
डीआईजी ने कहा, "जब हमें एनटीए से पेपर मिल जाएंगे, तो हम जले हुए प्रश्नपत्र को जांच के लिए उपयुक्त फोरेंसिक लैब में भेज देंगे।" ईओयू के सूत्रों ने आगे बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि 5 मई की परीक्षा से पहले करीब 35 उम्मीदवारों को नीट-यूजी के पेपर और उनके आंसर उपलब्ध कराए गए थे। बिहार के विभिन्न स्थानों से उम्मीदवार को पटना के रामकृष्ण नगर में किराए के मकान में लाया गया, जहां उन्हें पेपर और आंसर उपलब्ध कराए गए। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने किराए के मकान की तलाशी ली और वहां से मोबाइल फोन, एडमिट कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
(इनपुट- पीटीआई)
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