वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो.राकेश भटनागर ने छात्रों के आक्रामक प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय के अस्पताल में इलाज के लिए छात्रों को मुफ्त ओपीडी पंजीकरण की अनुमति दी है। कुलपति ने एक बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
कुलपति और एक छात्र के बीच फोन पर बातचीत की एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद, कुलपति के बयान को लेकर कैम्पस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।समाजवादी छात्र सभा (एससीएस), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से जुड़े छात्रों ने कुलपति के इस्तीफे की मांग को लेकर परिसर में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया।
ऑडियो क्लिप में, भटनागर को यह कहते हुए सुना गया कि "महामना मदन मोहन मालवीय ने कैम्पस में आम के कई पेड़ लगाए हैं। अगर उन्होंने पैसे के कुछ पेड़ लगाए होते, तो हम मुफ्त में सब कुछ दे देते।"
कुलपति ने कहा था कि फंड की कमी के कारण छात्रों को मुफ्त इलाज देना संभव नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय का सलाना बिजली बिल 66 करोड़ रुपये आता है, जबकि यूजीसी हमें फंड के रूप में केवल 60 करोड़ देता है।
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