BHU शुरू कर रहा AI का एक स्पेशल कोर्स, कुल 100 सीटों के लिए होगा एंट्रेंस एग्जाम; जीरो है फीस
BHU सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कंप्यूटर विज्ञान डिपीार्टमेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक स्पेशल प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम शुरू कर रहा है। पाठ्यक्रम में 100 सीटे हैं और इसमें एंट्रेस एग्जाम के आधार पर सेलेक्शन किया जाएगा।
BHU सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कंप्यूटर विज्ञान डिपीार्टमेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक स्पेशल प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम शुरू कर रहा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को एप्लाइड साइंटिस्ट और डेटा साइंटिस्ट के रूप में करियर बनाने के लिए प्रशिक्षित करने के लिए चलाया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से फ्री है, या यूं कहें कि इसकी कोई भी फीस नहीं है। इस कार्यक्रम को फरवरी से लेकर जुलाई 2023 तक चलाया जाएगा। इसमें पार्टिसिपेट लेने के लिए 12 जनवरी 2023 से लेकर 25 जनवरी 2023 तक रजिस्ट्रेशन किए जा सकते हैं।
एंट्रेस एग्जाम के आधार पर होगा सेलेक्शन
यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह प्रशिक्षण उन छात्रों और व्यक्तियों को दिया जाएगा जो लक्षित क्षेत्रों में या तो काम कर रहे हैं या काम करने के इच्छुक हैं। पाठ्यक्रम में 100 सीटे हैं और इसमें एंट्रेस एग्जाम के आधार पर सेलेक्शन किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति कार्यक्रम की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस प्रशिक्षण को जो सफलतापूर्वक पूरा करेगा उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
ये होंगे सब्जेक्ट्स
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नैसकॉम द्वारा सुझाए गए ढांचे पर बेस्ड। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सम्बंधित परिचयात्मक और उन्नत विषय शामिल होंगे। बिग डेटा का परिचय, सांख्यिकीय अवधारणाएं और अनुप्रयोग, सांख्यिकीय उपकरण, डेटा इम्पोर्ट और प्रीप्रोसेसिंग, एक्सप्लोरिंग और मेनीपुलेटिंग डाटा, डेटा संरचनाएं, एल्गोरिदम, ग्राफ और स्ट्रिंग एल्गोरिदम, आर्टिफीसियल न्यूरल नेटवर्क्स, प्रोग्रामिंग फॉर डेटा, पायथन प्रोग्रामिंग, विजुअलाइजेशन, मैनेजरियल स्किल्स जैसे विषयों में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के द्वारा ट्रेनिंग करवाई जाएगी।
'2 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा की जा सकती हैं'
इस नई पहल पर यूनिवर्सिटी का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब राष्ट्रीय महत्व और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोगों के साथ एक महत्वपूर्ण तकनीक बन गई है। 2018 में, नीति आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए भारत की राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की, जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आर्थिक क्षमता पर प्रकाश डाला है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, डेटा और AI की टेक्निकल भूमिकाओं में ही 2 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा की जा सकती हैं।
ट्रेंड विशेषज्ञों की जरूरत
भारत को डेटा और AI के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए इन क्षेत्रों में ट्रेंड विशेषज्ञों की जरूरत है। इसीलिए भारत सरकार, भारतीय युवाओं के बीच इन क्षमताओं के विकास के लिए कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। इस संदर्भ में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने BHU के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मंजूरी दी है।