नई दिल्ली दिल्ली सरकार से सम्बद्ध स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी में पिछले आठ महीने से चेयरमैन नहीं होने के कारण एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर होने वाली प्रमोशन रुकी हुई है। कॉलेज में चेयरमैन के न होने का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पिछले छह महीने से लेवल 1 से लेवल 4 तक की प्रमोशन जारी है। हालांकि, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में बिना चेयरमैन के एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की प्रमोशन संभव नहीं है। इन दोनों पदों पर होने वाली प्रमोशन में चेयरमैन की उपस्थिति अनिवार्य है। चेयरमैन ही इन्हें गवनिर्ंग बॉडी में पास करता है कि उक्त पदों पर प्रमोशन की गई ।
शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए) के प्रभारी डॉ हंसराज सुमन ने दिल्ली सरकार के वित्त पोषित स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी में पिछले आठ महीने से चेयरमैन के न होने पर चिंता जताई है। इसके लिए डीन ऑफ कॉलेजिज से मांग की है कि वे जल्द ही गवनिर्ंग बॉडी के चुनाव कराकर चेयरमैन नियुक्त होने पर एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी करे। इससे लंबे समय से रुकी हुई शिक्षकों की प्रमोशन की जा सकेगी।
उनका कहना है कि इन पदों पर प्रमोशन न होने के कारण शिक्षकों को हर महीने हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है ।सुमन ने बताया है कि पिछले छह महीने से हर कॉलेज में लेवल 1 से लेवल 4 तक की प्रमोशन हो रही है। कुछ कॉलेजों में तो लेवल 4 की भी काफी प्रमोशन हो चुकी है। इनमें अरबिंदो कॉलेज, देशबंधु कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज, भगतसिंह कॉलेज ( सांध्य ) वेंकेटेश्वर कॉलेज, भाष्कराचार्य कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स आदि कॉलेज के अलावा कुछ प्रिंसिपलों ने भी अपनी प्रमोशन करा ली है।
उन्होंने बताया है कि जिन कॉलेजों में प्रमोशन संबंधी फाइल नहीं भेजी है दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन उन कॉलेजों के प्रिंसिपल को लिख रहा है कि किसी भी टीचर्स की प्रमोशन रोकी नहीं जानी चाहिए । उन्होंने बताया है कि स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में जब तक गवनिर्ंग बॉडी के चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर प्रमोशन नहीं हो सकती । एक वरिष्ठ शिक्षक ने बताया है कि वे कई महीने से प्रोफेसर बनने का इंतजार कर रहे है वहीं कई शिक्षक तो प्रमोशन होने पर प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन करने की सोच रहे है लेकिन वह तभी संभव है जब वे एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे।
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