मध्य प्रदेश में अब 8वीं और 9वीं स्कूली बच्चों को 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाई जा रही है। राज्य ओपेन स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा संचालित प्रदेश में कुल 53 स्कूलों में 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' विषय शुरू किया गया है। इसे फिलहाल कक्षा 8वीं एवं 9वीं के छात्रों के लिए शुरू किया गया है। राज्य ओपेन स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा इन स्कूलों में 40 आधुनिक कंप्यूटर्स की इंटरनेट आदि सभी सुविधाओं युक्त लैब भी बनाई गई हैं।
राज्य के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूलों में प्रारंभ किए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय की कक्षा आठवीं एवं कक्षा नवमी की पुस्तकों का विमोचन किया।
क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए शिक्षा विभाग दृढ़ संकल्पित
राज्यमंत्री परमार ने कहा कि म.प्र. में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षा विभाग दृढ़ संकल्पित है, इसके लिए मार्डन टेक्नोलॉजी विषयों के इनकॉर्पेोरेशन एवं एप्लीकेशन पर जोर दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहां ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूलों में कक्षा 8वीं और 9वीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कुल 240 घंटो की क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। सभी सुविधाओं से लैस कंप्यूटर लैब की उपलब्धता से इस विषय की पढ़ाई में छात्रों को आसानी हो रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी नवीनतम तकनीक के साथ भारत को विश्व के समक्ष खड़े करने के लिए विद्यार्थियों को इसका रचनात्मक प्रयोग और मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करना सिखाया जा रहा है, जिसमें यह सिलेबस अति उपयोगी साबित होगा। प्रदेश के स्कूली बच्चे इसे पढ़कर 'भावनाओं की परख' करना सीख रहे हैं।
क्या है AI
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी (AI) मशीनों, विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम द्वारा ह्यूमन इंटेलिजेंस प्रक्रियाओं का रूप है। AI के एप्लीकेशन में एक्सपर्ट सिस्टम, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, स्पीच रिकॉगनिशन और मशीन विजन शामिल हैं। ये मशीनों के लिए नए इनपुट को एडजस्ट करना और उनके अनुभव से सीखना, जैसे कार्य करना संभव बनाता है। अधिकांश AI उदाहरण जो आप आज सुनते हैं - शतरंज खेलने वाले कंप्यूटर से लेकर सेल्फ-ड्राइविंग कार तक सब गहन शिक्षा और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं।
इनपुट- एजेंसी
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