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Hindi News एजुकेशन विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ करने की अर्जी प्रतिवेदन के रूप में ली जाए: दिल्ली उच्च न्यायालय

विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ करने की अर्जी प्रतिवेदन के रूप में ली जाए: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को महामारी के मद्देनजर वर्तमान अकादमिक सत्र में दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ कर देने की मांग संबंधी एक एनजीओ की जनहित याचिका को प्रतिवेदन के रूप में लेने को कहा

<p>Application for waiver of examination fee for students...- India TV Hindi Image Source : PTI Application for waiver of examination fee for students should be taken as a report: Delhi High Court

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को महामारी के मद्देनजर वर्तमान अकादमिक सत्र में दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ कर देने की मांग संबंधी एक एनजीओ की जनहित याचिका को प्रतिवेदन के रूप में लेने को कहा. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने संबंधित प्रशासनों को एनजीओ की याचिका को प्रतिवेदन के रूप में लेने तथा अदालत का आदेश प्राप्त होने पर यथाशीघ्र और निश्चित रूप से तीन सप्ताह के अंदर कानून, नियमों एवं इस मामले के तथ्यों पर लागू सरकारी नीति के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया.

इस निर्देश के साथ पीठ ने सोशल जूरिस्ट की जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया. याचिकाकर्ता ने अदालत से दिल्ली सरकार को अपने विद्यालयों में विद्यार्थियों के सीबीएसई परीक्षा शुल्क का भुगतान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई के दौरान पीठ से कहा कि जिन लोगों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं, उनमें से कई ऐसे हैं जिनकी आय पर इस महामारी के चलते बहुत बड़ी मार पड़ी है या उनकी आय का स्रोत बंद हो गया है, ऐसे में उनके लिए परीक्षा शुल्क का भुगतान कर पाना कठिन हो रहा है जो 1200 से 2500 रूपये प्रति विद्यार्थी है.

दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा कि इस साल वह विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क बोझ नहीं उठा सकती है जैसा कि उसने पिछली बार किया था, क्योंकि यह 100 करोड़ रूपये से अधिक होता है. उसने कहा कि उसने सीबीएसई (CBSE) को पत्र लिखकर इस साल परीक्षा शुल्क माफ कर देने का आग्रह किया है.

 

 
 
 

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