उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीता राम नौटियाल का बहाली आदेश वापस लेने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव को गुरूवार तक शपथपत्र के माध्यम से जवाब पेश करने के मंगलवार को आदेश दिए है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिये। में इस प्रकरण की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता नौटियान ने अपनी याचिका में कहा है कि छात्रवृत्ति घोटाले में नाम आने के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें पिछले साल 19 नवम्बर, 2019 को निलंबित कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट की ओर से 10 दिसंबर, 2019 को उन्हें जमानत दे दी गई।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 18 मई, 2020 को सेवा में बहाल कर दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि बहाली के ठीक चार दिन बाद सरकार की ओर से बहाली आदेश वापस ले लिया गया, जो कि न्याय संगत नहीं है। नौटियाल पर बतौर हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए घोटाले के आरोप हैं। घोटाले में नाम आने के बाद एसआईटी की ओर से उनके खिलाफ एक दिसंबर 2018 को मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। लगभग 500 करोड़ रूपये के इस घोटाले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में की जा रही है और एसआईटी डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को पूरे प्रकरण में गिरफ्तार कर चुकी है।
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