Ambedkar Jayanti 2023: आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। बाबासाहब अंबेडकर विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।
बाबासाहब अंबेडकर का जंम 14 अप्रैल 1891 ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था। अंबेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं। साथी ही विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किए थे। व्यावसायिक जीवन के शुरुआत में बाबा साहब अंबेडकर अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे और वकालत भी की। इस साल बाबा भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती है। आइए जानते हैं उनके कुछ महान विचारों के बारे में जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
ये हैं बाबा साहब के कुछ महान विचार
- हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं
- धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए
- मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है
- जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए
- भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए
- वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं
- एक इतिहास लिखने वाला इतिहासकार सटीक, निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए
- मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है
- जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, कानून द्वारा प्रदान की गई कोई भी स्वतंत्रता आपके किसी काम की नहीं है
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